चार सीओ व राजस्वकर्मियों पर लगा 41 लाख का जुर्माना

गोपालगंज : बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम-2011 के तहत दाखिल-खारिज के लिए किये गये ऑनलाइन आवेदन का निष्पादन नहीं करने पर चार अंचलों के सीओ व राजस्व कर्मचारियों के विरुद्ध 41 लाख 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आरटीपीएस के तहत अबतक का यह सबसे बड़ा मामला है, जिसमें एसडीओ उपेंद्र कुमार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2019 6:34 AM

गोपालगंज : बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम-2011 के तहत दाखिल-खारिज के लिए किये गये ऑनलाइन आवेदन का निष्पादन नहीं करने पर चार अंचलों के सीओ व राजस्व कर्मचारियों के विरुद्ध 41 लाख 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

आरटीपीएस के तहत अबतक का यह सबसे बड़ा मामला है, जिसमें एसडीओ उपेंद्र कुमार पाल की ओर से 41 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना लगाने के साथ ही सीओ व राजस्व कर्मचारियों के वेतन पर भी रोक लगा दी गयी है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर वेतन मद से राशि की वसूल होगी. साथ ही लंबित आवेदनों को अविलंब निष्पादन करने का निर्देश दिया गया है.
आरटीपीएस के तहत ऑनलाइन आवेदन करने के बाद 60 दिनों के अंदर निष्पादन करना है, लेकिन अधिकारियों की सुस्ती के कारण आवेदनों का निष्पादन नहीं हो सका. इसके कारण 60 दिन बाद दाखिल -खारिज के आवेदन एक्सपायर हो गये. एसडीओ की ओर से की गयी कार्रवाई के बाद अन्य अंचलों में दाखिल-खारिज के कार्य में तेजी लाने लाने का निर्देश दिया गया है.
एसडीओ ने आरटीपीएस में लगाया अबतक का सबसे बड़ा जुर्माना
चार अंचलों में सबसे अधिक आवेदन लंबित
एसडीओ की जांच में सबसे अधिक बैकुंठपुर अंचल आवेदन लंबित हैं. सीओ के स्तर से लंबित आवेदन के मामले में अलग से जुर्माना लगाया गया है, जबकि कर्मचारी के स्तर से लंबित आवेदन के मामले में भी जुर्माना लगाया गया है.
किस सीओ पर कितना जुर्माना
अंचल लंबित आवेदन जुर्माना
बैकुंठपुर सीओ 1052 526000
सिधवलिया सीओ 91 45500
बरौली सीओ 485 242500
कुचायकोट सीओ 401 200500
राजस्व कर्मचारियों पर भी लगा जुर्माना
एसडीओ ने बैकुंठपुर, सिधवलिया, बरौली व कुचायकोट अंचल के राजस्व कर्मचारियों पर भी जुर्माना लगाया है. बैकुंठपुर में राजस्व कर्मचारी की ओर से 1932 आवेदन लंबित रखे गये हैं, जिसमें नौ लाख 66 हजार रुपये का जुर्माना है. वहीं सिधवलिया में 694 आवेदन लंबित होने पर राजस्व कर्मचारियों के विरुद्ध तीन लाख 47 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. बरौली में 1487 आवेदन लंबित होने पर सात लाख 43 हजार पांच सौ रुपये तथा कुचायकोट में 2100 आवेदन लंबित होने पर 10 लाख 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है.

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