Pitru Paksha Fair 2022: पिंडदान करने बोधगया पहुंचे लाखों तीर्थयात्री, शहर का यातायात व्यवस्था चरमरायी

गया में पिंडदान करने लाखों तीर्थयात्री पहुंचे हुए हैं. इससे गया के धर्मारण्य व मतंगवापि के रास्ते में ट्रैफिक जाम होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पिंडदानी घंटों तक जाम में फंसे रहे.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 14, 2022 5:20 AM

गया. पिंडदान करने बोधगया पहुंच रहे विभिन्न राज्यों के पिंडदानियों को यातायात व्यवस्था को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बोधगया के बकरौर मोड़, बर्मा मोड़ सहित स्वास्थ्य केंद्र के पास यातायात नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में व तत्पर पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं होने व यातायात व्यवस्था की निगरानी करने वाले अधिकारियों को मुकम्मल रूप से मॉनेटरिंग नहीं करने से यह स्थिति उत्पन्न हो रही है.

शहर वासी जाम से परेशान

मंगलवार को धर्मारण्य व मतंगवापि के रास्ते में ट्रैफिक जाम होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पिंडदानी घंटों तक जाम में फंसे रहे. अंत में बोधगया थाने की पुलिस जाम हटाने व गाड़ियों की आवाजाही बहाल करने में जुटी. लोगों ने यातायात पुलिस की कार्यशाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बोधगया में चौड़ी सड़क होने के बाद भी यह समस्या उचित नहीं है.

शहर की व्यवस्था के लिए स्काउट एंड गाइड की तैनाती

वहीं, बोधगया में पितृपक्ष मेले में पिंडदानियों की सेवा व दिशा-निर्देश कर सहयोग करने में स्काउट एंड गाइड भी तैनात हैं. जिला सचिव प्रदीप पांडेय ने बताया कि मंगलवार को धर्मारण्य व मतंगवापि मंदिर पर तैनात स्काउट एंड गाइड की ड्यूटी का औचक निरीक्षण किया गया. इस दौरान स्काउट के कई सदस्य तैनात मिले. वहीं, मेला कंटिन्जेंट लीडर प्रदीप पांडेय ने बताया कि पितृपक्ष मेले में गया व बोधगया में 150 स्काउट एंड गाइड तैनात किये गये हैं.

पिंडदान करने पहंचा तीर्थयात्री की मौत

वहीं, गया पितृपक्ष मे पिंडदान करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के रहनेवाले 51 वर्षीय श्रीकृष्णा की मौत मगध मेडिकल में इलाज के दौरान मंगलवार को हो गयी. अस्पताल प्रबंधक संतोष कुमार सिन्हा ने बताया कि मरीज को मंगलवार को एक बजे दोपहर में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया. अस्पताल के आइसीयू में मरीज का इलाज चल रहा था. करीब चार बजे मरीज की मौत हो गयी. उन्होंने बताया कि मरीज को लीवर खराब के साथ तीन दिनों से बुखार आ रहा था. डॉक्टरों के बहुत कोशिश के बाद भी जान नहीं बच सकी. मृतक के परिजन के साथ शव मर्चरी के माध्यम से उनके गांव भेजवाया गया है. अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि तीन अन्य तीर्थयात्रियों का इलाज यहां पितृपक्ष वार्ड में किया जा रहा है.

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