Lok Sabha Election 2024: गया में एनडीए से जदयू, तो महागठबंधन से राजद को मिल सकती है सीट

Lok Sabha Election 2024 गया लोकसभा पर वर्ष 1957 से अब तक की बात करें, तो 5 बार भाजपा के सांसद रहे हैं, तो 5 बार कांग्रेस व 3 बार जनता दल के सांसद रहे हैं.

By RajeshKumar Ojha | March 16, 2024 1:08 PM

Lok Sabha Election 2024 गया संसदीय क्षेत्र वर्ष 1967 से ही आरक्षित है. इसके अंतर्गत जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में छह आते हैं. इनमें शेरघाटी, बाराचट्टी(सुरक्षित), बोधगया (सुरक्षित), गया टाउन, बेलागंज व वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र हैं. वर्ष 2019 में गया संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1698772 थी, जिनमें 879308 पुरुष, 819405 महिला व 59 अन्य थे. 22 जनवरी 2024 को मतदाताओं की संख्या का अंतिम प्रकाशन किया गया. अब कुल मतदाताओं की संख्या 1803744 हो गयी है. इनमें 936997 पुरुष, 866721 महिलाएं व 26 अन्य वोटर हैं. पांच वर्षों में कुल मतदाताओं की संख्या 104972 बढ़ी है, इनमें 57689 पुरुष व 47316 महिला वोटर बढ़े, जबकि अन्य वोटर 33 घटकर मात्र 26 ही रह गये.

2014 से एनडीए को मिल रहा 40 प्रतिशत से अधिक मत

वर्ष 2014 में गया संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विजयी उम्मीदवार हरि मांझी को 326230 मत हासिल हुए थे. उन्हें कुल पड़े मत का 40.30 प्रतिशत वोट मिला था, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राष्ट्रीय जनता दल से पूर्व सांसद रामजी मांझी को कुल 210726 मत मिले थे और उन्होंने 26.03 प्रतिशत वोट हासिल किया था. तीसरे नंबर पर रहे जदयू के उम्मीदवार जीतन राम मांझी को 131828 मत हासिल हुए थे और वोट का प्रतिशत 16.28 रहा था. वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जदयू के उम्मीदवार विजय मांझी ने जीत दर्ज की. 

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उन्हें कुल 467007 वोट मिले थे. उन्हें मिले कुल मतों का 48.79 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था, जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे हम (से) के जीतन राम मांझी ने 314581 मत प्राप्त किये थे और उनके वोट का प्रतिशत 32.86 रहा था. आश्चर्य करने वाली बात थी कि तब ‘नोटा’ में 30030 मत डाले गये थे, जो तीसरे नंबर था. वर्ष 2019 की बात करें, तो जो राजनीतिक पार्टियों का साझा समीकरण था, लगभग वहीं हाल वर्ष 2024 में देखने को मिल रहा है. उस समय भी बिहार में भाजपा व जदयू साथ थी. 

इस बार भी समीकरण यही है. इस बार अब तक हम(से) व एनडीए के घटक दलों में लोजपा की दोनों पार्टियां भी साथ हैं. उधर महागठबंधन में बड़ी पार्टियों में राजद के साथ कांग्रेस व वाम दल हैं. गया संसदीय क्षेत्र की बात करें, तो फिलहाल जदयू के सांसद विजय मांझी हैं. 

एनडीए से जदयू, तो महागठबंधन से राजद को मिल सकती है सीट

वर्ष 1957 से अब तक की बात करें, तो पांच बार भाजपा के सांसद रहे हैं, तो पांच बार कांग्रेस व तीन बार जनता दल के सांसद रहे हैं. जदयू ने पहली बार भाजपा के साथ गठबंधन में जीत दर्ज की है. अब देखना है कि एनडीए में इस बार टिकट फिर से जदयू के खाते में जाता है या भाजपा अपना दावा रखती है. वैसे अधिक उम्मीद जतायी जा रही है कि गया संसदीय क्षेत्र से जदयू के ही उम्मीदवार होंगे. हालांकि, विजय मांझी ही उम्मीदवार होंगे या फिर पार्टी अपना बदला करती है, यह अलग बात है. 

इनको टिकट देने की चर्चा

वैसे यहां से माउंटेनमैन दशरथ मांझी के पुत्र भगीरथ मांझी को भी टिकट दिये जाने की चर्चा चल रही है. उधर हम (से) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन भी चुनावी समर के लिए अपनी धरती तैयार कर रहे हैं. उन्होंने दावा पेश करते हुए कई बार क्षेत्र में यह कहा था कि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उन्हें हरि झंडी दे रखी है. हालांकि, तब जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं था. उधर महागठबंधन में राजद का दावा मजबूत है. चूंकि शुरू में जब देश में कांग्रेस की हवा थी, उनके दल के उम्मीदवार जीतते रहे हैं. लेकिन, हालात कुछ अलग है, ऐसे में राजद ही अपना दावा पेश करेगा. अधिक संभावना है कि पूर्व सांसद राजेश कुमार के बेटे पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत को चांस मिल जाये.

वर्ष 1957 से अब तक गया संसदीय क्षेत्र से रहे विजयी उम्मीदवार

1957 ब्रजेश्वर प्रसाद कांग्रेस

1962 ब्रजेश्वर प्रसाद कांग्रेस

1967 राम धनी दास कांग्रेस

1971 ईश्वर चौधरी भारतीय जनसंघ

1977 ईश्वर चौधरी जनता पार्टी

1980 रामस्वरूप राम कांग्रेस(आइ) 

1984 रामस्वरूप राम कांग्रेस

1989 ईश्वर चौैधरी जनता दल

1991 राजेश कुमार जनता दल

1996 भागवती देवी जनता दल

1998 कृष्ण कुमार चौधरी भाजपा

1999 रामजी मांझी भाजपा

2004 राजेश कुमार मांझी राजद

2009 हरि मांझी भाजपा

2014 हरि मांझी भाजपा

2019 विजय मांझी जनता दल (यू)

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