गया. बिहार में बने हर्बल गुलाल से अमेरिका में होली खेला जायेगा. इसके लिए गया स्थित महाबोधि और विष्णुपद मंदिर में अर्पित फूलों से हर्बल गुलाल बनाया जा रह है. यहां गुलाल का निर्माण अमेरिका और भारत की सरकार ने संयुक्त रूप से शुरू किया है. अंतर्राष्ट्रीय धरोहर बोधगया महाबोधि मंदिर और विष्णुपद मंदिर में अर्पित फूलों से बने गुलाल अमेरिका भेजा जा रहा है. वहां भारतीय मूल के लोग इस हर्बल गुलाल का उपयोग होली में करेंगे. इस गुलाल को दिल्ली स्थित अमेरिकी एंबेसी के माध्यम से भेजा जा रहा है.
हर्बल गुलाल बनाने में व्यस्त हैं महिलाएं
पिछले कई सप्ताह से गया स्थित ढुंगेश्वरी की महिलाएं हर्बल गुलाल बनाने में व्यस्त हैं. यहां पर बनाये गये हर्बल गुलाल की डिमांड दिल्ली ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफी ज्यादा हो है. इसकी खासियत यह है कि इस गुलाल से शरीर पर कोई इफेक्ट नहीं होता है. भारत-अमेरिकी सरकार ने एक समझौते के तहत इस बार इसका निर्माण कराया है. इस समझौता क्लाइमेट में बदलाव को देखते हुए दोनों देशों ने किया है. बताया जाता है कि इस समझौते का दूरगामी असर होने वाला है. दोनों देशों में जंगलों को बचाकर क्लाइमेट चेंज को रोका जा सकता है.
फूलों से हर्बल गुलाल बनाने की दी गयी है ट्रेनिंग
गया जिले के जंगल वाले इलाकों की महिलाओं को फूलों से हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग दी गयी है. उनको घर के पास ही रोजगार दिया जा रहा है. दर्जनों महिलाएं आज इस काम से जुड़ी हुई है. इन महिलाओं को गुलाल बनाने का काम दिया गया है. इस काम से जुड़े शिव मालवीय स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहते हैं कि फूल से हर्बल गुलाल बनाने का काम जारी है. यह पूरी तरह से केमिकल फ्री है. यहां फूल लाकर उसके रस से गुलाल बनाया जाता है. अब तक 5 क्विंटल गुलाल बनाया गया है. एक किलोग्राम में 150 से 200 रुपए महिलाओं को बचत होता है. इस साल इन महिलाओं ने हजारों रुपए कमा लिए हैं.