गया: लोकसभा चुनाव में भाकपा माओवादी से निबटने के लिए पुलिस महकमा जुटा है. इधर, पुलिस से दो-दो हाथ करने के लिए माओवादी भी एकजुट हो रहे हैं. सूचना मिली है कि आमस व गुरुआ थाने की सीमा पर स्थित चाल्हो जोन में माओवादी ट्रेनिंग सेंटर चलाये जा रहे हैं.
इस ट्रेनिंग सेंटर में एक निश्चित संख्या में माओवादियों को कंप्यूटर, इ-मेल, लैपटॉप, मोबाइल फोन व बारूदी सुरंग से संबंधित अन्य बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसी ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षित होकर निकलने वाले माओवादियों की टीम ने 22 फरवरी को आमस थाने पर हमला किया था.
हालांकि, अब भी माओवादी हमले की घटना से पुलिस इनकार नहीं कर रही है. आठ मार्च को स्पेशल ब्रांच के अपर पुलिस महानिदेशक ने आठ मार्च को गया के एसएसपी निशांत कुमार तिवारी व डीएम बाला मुरुगन डी को पत्र भेज कर सूचना दी है कि 22 फरवरी को आमस थाने के हमले में शामिल आरोपित फरार है.
इसके कारण भाकपा-माओवादी की गतिविधि पर निगरानी रखने की आवश्यकता है. भाकपा-माओवादी संगठन के कई सक्रिय सदस्य भूमिगत या फरार हैं. इसके पहले फरवरी माह में स्पेशल ब्रांच के पुलिस महानिदेशक ने एसएसपी को पत्र भेजा था कि आमस, बांकेबाजार व डुमरिया सीमा पर भाकपा माओवादी संगठन के बिहार-झारखंड व उत्तरी छत्तीसगढ़ के स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य संदीप यादव उर्फ विजय यादव, आजाद, अरविंद भुइंया, सौरभ व जयंत के नेतृत्व में करीब 100 माओवादी एकत्रित हो रहे हैं. अब संभावना जतायी जा रही है कि इसी ग्रुप के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माओवादियों को कंप्यूटर, इ-मेल, लैपटॉप, मोबाइल फोन, बारूदी सुरंग से संबंधित अन्य बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.