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बरमा गांव के पास से बरामद हुआ था जय प्रकाश सिंह का शव

गया: गया व औरंगाबाद जिले के चर्चित ट्रांसपोर्टर जय प्रकाश सिंह उर्फ भोलू की हत्या का खुलासा करने में पुलिस 13 दिन बाद भी असफल रही है. पुलिस अब तक इस हत्याकांड से जुड़े शूटरों व साजिशकर्ताओं का परदाफाश नहीं कर पायी है. हालांकि, इस कांड की जांच में जुटे चेरकी थाना के पुलिस पदाधिकारियों […]

गया: गया व औरंगाबाद जिले के चर्चित ट्रांसपोर्टर जय प्रकाश सिंह उर्फ भोलू की हत्या का खुलासा करने में पुलिस 13 दिन बाद भी असफल रही है. पुलिस अब तक इस हत्याकांड से जुड़े शूटरों व साजिशकर्ताओं का परदाफाश नहीं कर पायी है. हालांकि, इस कांड की जांच में जुटे चेरकी थाना के पुलिस पदाधिकारियों के साथ डीएसपी सतीश कुमार आये दिन विचार-विमर्श कर रहे हैं. उधर, इस घटना के विरोध में औरंगाबाद व गया जिले के हजारों लोगों ने लगातार तीन दिनों पर गोह बाजार से खुलने वाले वाहनों की आवाजाही ठप कर दी थी.

नहीं मिली बाइक व मोबाइल
मूलत: औरंगाबाद के गोह थाने के दरधा के रहनेवाले जय प्रकाश सिंह अपने परिवार के साथ गया शहर में एपी कॉलोनी के पास हाउसिंग बोर्ड के मकान नंबर एमआइजी-82 में किराये पर रहते थे. 22 दिसंबर की शाम सब्जी खरीदने की बात कह जय प्रकाश अपने आवास से निकले थे.

प्राथमिकी में भाई विक्रम प्रताप सिंह ने बताया है कि जय प्रकाश के साथ कोंच थाने के भिखनपुर निवासी राम नारायण शर्मा व नगेंद्र कुमार उर्फ चुलबुल, बड़गांव निवासी प्रमोद कुमार सिंह व खिजरसराय थाने के उतरावां निवासी राजू कुमार के साथ गये थे. चारों परिचितों के साथ जय प्रकाश अपनी बजाज डिस्कवर मोटरसाइकिल से निकले थे. इसके बाद पुलिस ने 22 दिसंबर की देर रात जय प्रकाश सिंह का शव बरमा गांव के पास से बरामद किया था. अब घटना के इतने दिन बाद भी पुलिस जय प्रकाश की मोटरसाइकिल व मोबाइल फोन भी बरामद नहीं कर पायी है.

कॉल डिटेल्स से मिले कई सुराग : डीएसपी
डीएसपी सतीश प्रसाद का कहना है कि बरमा गांव के पास से ट्रांसपोर्टर का शव बरामद किया गया था. उस स्थान के पास से मोबाइल फोन सर्विस प्रोवाइडरों से संपर्क कर कई मोबाइल नंबरों को निकाला गया है. इसमें कुछ मोबाइल नंबरों का लोकेशन घटनास्थल के आसपास है. उन मोबाइल नंबरों से लगातार कई लोगों से बातचीत हुई है. डीएसपी ने बताया कि कॉल डिटेल्स से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ट्रांसपोर्टर की हत्या शूटरों द्वारा करायी गयी है और साजिशकर्ता कोई और है. इन मोबाइल नंबरों के आधार पर शूटरों व साजिशकर्ताओं के गिरेबान तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.

स्टैंड की एजेंटी के लिए हुई थी मारपीट
डीएसपी ने बताया कि इस जांच में दो बातें सामने आयी हैं. हत्या के करीब 15 दिन पूर्व डेल्हा बस-स्टैंड की एजेंटी को लेकर जय प्रकाश व दूसरे पक्ष में मारपीट हुई थी. इस घटना से दो पक्षों के बीच माहौल गरम था. वहीं, दूसरा कारण बस परमिट का सामने आया है. उन्होंने बताया कि बस परमिट को लेकर जय प्रकाश सिंह व राम नारायण सिंह के बीच विवाद चल रहा था. इस मामले को लेकर मगध प्रमंडल के आयुक्त के पास दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बातें रखी थीं. इस बिंदु पर भी जांच-पड़ताल की जा रही है.

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