गया: चुनाव से पहले आपराधिक घटनाएं बढ़ जाने के मामलों को लेकर पुलिस मुख्यालय ने कवायद शुरू कर दी है. 2014 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को डीजीपी अभयानंद ने पुलिस अधिकारियों से जिले की विधि व्यवस्था से संबंधित 12 बिंदुओं पर प्रगति रिपोर्ट मांगी. अब एसएसपी निशांत कुमार तिवारी, सिटी एसपी चंदन कुशवाहा व एएसपी अशोक कुमार सिंह को 24 घंटे के क्रियाकलापों का हिसाब भी देना होगा.
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन अधिकारियों को कई टिप्स भी दिये व विधि-व्यवस्था से संबंधित बिंदुओं पर प्रतिदिन सुबह 10 बजे पुलिस मुख्यालय को इ-मेल से रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया. डीजीपी ने अधिकारियों को कहा कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि चुनाव की आहट होते ही अपराधियों के पौ-बारह हो जाते हैं. संगीन अपराधों से जुड़ी घटनाएं बढ़ जाती है. इस पर रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने होंगे. उन्होंने गांवों में चल हरी सभी प्रकार की गतिविधि पर नजर रखने के लिए खुफिया तंत्र को मजबूत करने को कहा. ग्रामीण पुलिस (चौकीदार व दफादार) को सशक्त बनाये. उनसे हर प्रकार की खुफिया जानकारी एकत्रित करें. थानों की पुलिस, विशेष शाखा व खुफिया विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय बना कर नियमित बैठकें करें.
जेल से बंद अपराधियों पर रखें निगरानी : डीजीपी ने कहा कि जेल में बंद कुख्यात अपराधियों की हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जाय. जेल में बंद होने के बावजूद अपराधियों द्वारा रंगदारी व अन्य आपराधिक घटनाएं में संलिप्त हो जाते हैं. ऐसे अपराधियों की हर गतिविधि पर रोकथाम लगाने के लिए कारगर कदम उठाये. जेल से रिहा होनेवाले अपराधियों की जमानत रद्द कराने, पेशेवर अपराधियों व समाज में आये दिन तनाव व्याप्त करनेवाले असामाजिक तत्वों के विरुद्ध क्राइम कंट्रोल एक्ट व राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई करें. सांप्रदायिक व जातीय संघर्ष से जुड़े मामलों का निबटारा प्राथमिकता के साथ करें. कोशिश हो कि एक से ज्यादा मामलों के आरोपितों की सूची तैयार करें और स्पेशल ड्राइव चला कर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित कराये. सरकारी रुपये का गबन, आर्थिक अपराध से संबंधित कांडों का अनुसंधान व संपत्ति जब्ती के मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करें.
पेशेवर जमानतदारों की करें पहचान : डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि पेशेवर जमानतदारों की पहचान करें. उनसे जुड़ी हर बातों की जांच करें. अगर ऐसा लगता है कि अमुक व्यक्ति आये दिन कुख्यात अपराधियों व नक्सलियों के लिए जमानतदार बनता है, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करें. उन्होंने शस्त्र विक्रेताओं की दुकानों की जांच हर माह में डीएसपी या इंस्पेक्टर द्वारा करने का निर्देश दिया. शराब के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों की सूची बना कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने शहरी इलाके में चौक-चौराहे, व्यस्त बाजारों, आवासीय कॉलोनी, बस्तियों, छात्रवासों के साथ सुनसान पड़े भवनों के स्थान पर लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया. शराब माफिया की संपत्ति को जब्त करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने को कहा. उन्होंने लंबित गैर-जमानतीय वारंटों को तामील करने के लिए सघन छापेमारी कर गिरफ्तारी सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया. आरोपितों के विरुद्ध लंबित कुर्की-जब्ती का निबटारा कराने का निर्देश दिया.
डीआइजी ने भी की बैठक : लगातार तीन घंटों तक डीजीपी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के बाद डीआइजी ने अपने कार्यालय में एसएसपी, सिटी एसपी व एएसपी के साथ बैठक की व डीजीपी द्वारा दिये गये निर्देशों को धरातल पर उतारने के लिए घंटों विचार-विमर्श किया.