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इंसेफ्लाइटिस पीड़ितों को नीम हकीमों से बचायें

गया. स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि इंसेफ्लाइटिस से अब तक छह बच्चों की मौत हो चुकी है़ इससे राज्य सरकार काफी चिंतित है. वह सोमवार को समाहरणालय में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इंसेफ्लाइटिस पीड़ितों को नीम […]

गया. स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि इंसेफ्लाइटिस से अब तक छह बच्चों की मौत हो चुकी है़ इससे राज्य सरकार काफी चिंतित है.
वह सोमवार को समाहरणालय में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इंसेफ्लाइटिस पीड़ितों को नीम हकीमों से बचाने की जरूरत है. ज्यादातर बच्चों की मौत जानकारी के अभाव में व विलंब से अस्पताल पहुंचने के कारण हुई है.
उन्होंने कहा कि तीन-चार घंटे के अंदर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में इंसेफ्लाइटिस पीड़ित बच्चों को अवश्य पहुंचाएं. सभी पीएचसी में चार बेड व जिला अस्पताल में 10 बेड इंसेफ्लाइटिस पीड़ितों के लिए रखने का निर्देश दिया गया है. साथ ही जिले से एक-एक वरीय चिकत्सकों की प्रतिनियुक्ति पीएचसी में करने का निर्देश दिया गया है.
10 अतिरिक्त एंबुलेंस उपलब्ध : इंसेफ्लाइटिस पीड़ितों के लिए 10 अतिरिक्त एंबुलेंस मुहैया कराये गये हैं. जिले में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसका नंबर- 0631-2220303 है. इसके अलावा सिविल सर्जन के मोबाइल नंबर-9470003278 व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के मोबाइल नंबर-9470003291 पर संपर्क कर इंसेफ्लाइटिस से संबंधित जानकारी व मदद ली जा सकती है
आशा को मिलेगा 200 रुपये का प्रोत्साहन: कार्यपालक निदेशक ने बताया कि इंसेफ्लाइटिस पीड़ित किसी बच्चे को अस्पताल में भरती करा कर जान बचाने के लिए आशा को 200 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को एएनएम व आशा के साथ बैठक कर इनसेफ्लाइटिस से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार करने व पीड़ित बच्चों को अविलंब अस्पताल पहुंचाने का निर्देश दिया गया है.
जेइ व एइएस से तीन-तीन बच्चे की मौत: उन्होंने बताया कि जेइ से तीन व एइएस से तीन बच्चे की मौत हुई है.जेइ से पीड़ित दो बच्चों की हुई मौत की जांच स्टेट टीम से करायी जा रही है. स्टेट टीम मंगलवार को परैया, टिकारी व नगर प्रखंड के मलेरिया प्रभावित गांवों का दौरा कर मलेरिया का जायजा लेगी.
इंसेफ्लाइटिस के आंकड़े गोपनीय नहीं : उन्होंने बताया कि जेइ व एइएस के आंकड़े गोपनीय नहीं रखे जायेंगे. उन्होंने सिविल सर्जन को स्पष्ट निर्देश दिया कि मीडियाकर्मियों को सही समय पर वास्तविक आंकड़े मुहैया कराना सुनिश्चित करें.

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