23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पितृपक्ष: फिर गंदे पानी से तर्पण !

गया : यूं तो पूरा साल मनसरवा नाले का पानी फल्गु में बहता है, लेकिन पितृपक्ष की दस्तक के साथ ही मनसरवा नाले को लेकर प्रशासन, नगर निगम व प्रबुद्ध लोगों की चिंता ज्यादा बढ़ जाती है. लाखों की संख्या में आनेवाले पिंडदानियों को नदी में इसी नाले के पानी से होकर गुजरना पड़ता है. […]

गया : यूं तो पूरा साल मनसरवा नाले का पानी फल्गु में बहता है, लेकिन पितृपक्ष की दस्तक के साथ ही मनसरवा नाले को लेकर प्रशासन, नगर निगम व प्रबुद्ध लोगों की चिंता ज्यादा बढ़ जाती है. लाखों की संख्या में आनेवाले पिंडदानियों को नदी में इसी नाले के पानी से होकर गुजरना पड़ता है. अफसोस तो इस बात का होता है कि जिला प्रशासन को भी इस नाले के पानी का ध्यान पितृपक्ष के नजदीक आने पर ही आता है, जैसे-तैसे अस्थायी तौर पर इंतजाम कर दिया जाता है़ अगर उपाय कारगर हो गया, तो ठीक वरना जैसा है, वैसा ही चलने दो.
इस बार भी कुछ ऐसा ही किया गया है. नाले के पानी को श्मशान घाट के आगे एक जगह पर रोक दिया गया है, लेकिन यह इंतजाम कब तक कारगर साबित होगा यह कहां नहीं जा सकता़ इतने वर्षों में मनसरवा नाले के पानी को नदी में जाने से रोकने को लेकर प्रशासनिक व सामाजिक स्तर पर सिर्फ बातें ही होती रही हैं.
डिजिटल हस्ताक्षर में फंसा प्रोजेक्ट : कुछ महीने पहले श्मशान घाट में निर्माण काम को लेकर लगभग एक करोड़ 21 लाख रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था़ नगर विकास विकास विभाग ने इस प्रोजेक्ट को तकनीकी मंजूरी भी दे दी थी. इस प्रोजेक्ट में श्मशान घाट के निर्माण के साथ-साथ मनसरवा नाले के पानी को भी देवघाट से पार कराने के लिए घाट के नीचे से नाला बनाया जाना था़ तत्कालीन नगर आयुक्त डाॅ नीलेश देवरे के डिजिटल हस्ताक्षर से प्रोजेक्ट का टेंडर भी किया गया, लेकिन इस क्रम में उनका ट्रांसफर हो गया और टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. जानकारी के अनुसार, नये नगर आयुक्त विजय कुमार का डिजिटल हस्ताक्षर अब तक नगर विकास विभाग से बन कर नहीं आया है. हस्ताक्षर बनने के बाद ही इस प्रोजेक्ट को दोबारा टेंडर प्रक्रिया में भेजा जा सकेगा. अब तो चुनाव की आदर्श आचार संहिता भी लग चुकी है. लगता है मामला एक बार फिर अधर में लटक जायेगा.
अस्थायी इंतजाम पर उठा सवाल
पितृपक्ष क लेकर इस बार मनसरवा नाले के पानी को नदी में बहने से रोक दिया गया है, लेकिन यह कब तक टिकेगा इस पर सवाल खड़ा हो गया है. लोगों का कहना है कि नाले के पानी को इस तरह से ज्यादा दिन तक रोक पाना संभव नहीं है. दबाव बढ़ते के साथ ही नाले का पानी फिर से नदी में बहने लगेगा. ऐसे में अगर बारिश हो गयी, तो पूरी व्यवस्था फेल हो जायेगी और नाले का बहाव नदी में होने लगा, तो हर बार की तरह इस साल भी फजीहत निश्चित है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें