इंस्पेक्टर ने बताया कि एमयू की रजिस्ट्रेशन शाखा में मौजूद पंजीयन बही की जांच के दौरान पाया गया कि परमपाल सिंह का रजिस्ट्रेशन 1987 की बही में दर्ज किया गया है. लेकिन, हैरत की बात यह है कि परमपाल सिंह गांधी 1987 में पंजाब यूनिवर्सिटी से इंटर कर रहे थे.
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पंजाब के डीसीपी का रजिस्ट्रेशन फर्जी !
बोधगया: पंजाब में तैनात डीसीपी परमपाल सिंह गांधी पर फर्जी डिग्री का उपयोग करने के मामले में मगध विश्वविद्यालय (एमयू) थाने में दर्ज एफआइआर के अनुसंधानकर्ता बोधगया के इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने गुरुवार को एमयू की रजिस्ट्रेशन शाखा में जांच-पड़ताल की. इंस्पेक्टर ने बताया कि एमयू की रजिस्ट्रेशन शाखा में मौजूद पंजीयन बही की जांच […]
बोधगया: पंजाब में तैनात डीसीपी परमपाल सिंह गांधी पर फर्जी डिग्री का उपयोग करने के मामले में मगध विश्वविद्यालय (एमयू) थाने में दर्ज एफआइआर के अनुसंधानकर्ता बोधगया के इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने गुरुवार को एमयू की रजिस्ट्रेशन शाखा में जांच-पड़ताल की.
अब सवाल यह उठता है कि जब वह 1987 में पंजाब में इंटर कर रहे थे, तब ठीक इसी वर्ष मगध विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रेशन कैसे हो गया? इंस्पेक्टर ने बताया कि एमयू की पंजीयन बही में परमपाल सिंह की रजिस्ट्रेशन संख्या दर्ज करनेवाले संबंधित कर्मचारी की पहचान की जा रही है. उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस में ही कार्यरत अनिल कुमार भनोट द्वारा एमयू थाने में फर्जी डिग्री को लेकर दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की पड़ताल जारी है और इसी क्रम में इसका खुलासा हो पाया है. जांच के दौरान एमयू के कुलसचिव डॉ सुशील कुमार सिंह व शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमितेष प्रकाश व शाखा के अन्य कर्मचारी मौजूद थे.
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