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15 डॉक्टरों ने छोड़ी नौकरी

गया: राज्य सरकार की सेवा शर्तो से डॉक्टरों को मोहभंग होने लगा है. संविदा पर नियोजित डॉक्टर एक-एक कर नौकरी छोड़ते जा रहे हैं. अब तक 15 से अधिक डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं. आश्चर्य इस बात की है कि कुछ डॉक्टर सरकारी सेवा से ज्यादा एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन ) में काम कर संतुष्ट हैं. […]

गया: राज्य सरकार की सेवा शर्तो से डॉक्टरों को मोहभंग होने लगा है. संविदा पर नियोजित डॉक्टर एक-एक कर नौकरी छोड़ते जा रहे हैं. अब तक 15 से अधिक डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं.

आश्चर्य इस बात की है कि कुछ डॉक्टर सरकारी सेवा से ज्यादा एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन ) में काम कर संतुष्ट हैं. इधर, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की इतनी कमी हो गयी है कि चिकित्सा सेवा बहाल रखना भी मुश्किल हो रहा है. इसका उदाहरण जिले का सदर (जयप्रकाश नारायण)अस्पताल है. स्वीकृत 28 पद के विरुद्ध मात्र 10 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. शिशु रोग, हड्डी रोग व चर्म रोग के डॉक्टर अस्पताल में नहीं हैं. इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि अन्य अस्पतालों की स्थिति क्या होगी?

जयप्रकाश नारायण अस्पताल (जेपीएनएच) में चिकित्सा व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए संविदा पर नियोजित डॉ प्रांशु कुमार, डॉ कुमार सौरव, डॉ राजेश कुमार, डॉ विनय कुमार, डॉ रेणु सिंह, डॉ आनंद कुमार, डॉ रश्मि कुमारी, डॉ सुरेंद्र प्रसाद आदि को विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से यहां प्रतिनियुक्त किया गया था. इनमें डॉ विनय कुमार ने अगस्त माह में ही नौकरी छोड़ कर एनजीओ की नौकरी कर ली. डॉ कुमार सौरव करीब दो माह से ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहे हैं. डॉ राजेश कुमार चार माह की विशेष ट्रेनिंग पर हैं.

डॉ प्रांशु कुमार इस्तीफा दे चुके हैं. डॉ रेणु सिंह भी अनुपस्थित चल रही हैं. इस अस्पताल में नियमित रूप से पदस्थापित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ऋषिकेश कुमार के भी लंबी छुट्टी पर जाने की चर्चा है. इसी पद पर पदस्थापित डॉ सुरेंद्र चौधरी को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी बनाया जा चुका है. इस प्रकार वर्तमान में मेडिसिन विभाग में नियमित डॉक्टर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एसजेड अहसन समेत मात्र 10 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इनमें एकमात्र फिजिशियन डॉ रामचंद्र प्रसाद, सजर्न डॉ संजय कुमार सिंह व डॉ संतोष कुमार, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शहला नाजनीन, डॉ नीलू सिन्हा, डॉ पूनम कुमारी व नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ चंद्रशेखर प्रसाद का नाम शामिल है. इसके अलावा डॉ रश्मि कुमारी, डॉ सुरेंद्र प्रसाद, डॉ शोभा कुमारी, डॉ आनंद कुमार प्रतिनियुक्ति पर हैं. डॉक्टरों की मानें, तो सरकार की सेवा शर्ते संतोषजनक नहीं हैं. मानदेय का अनियमित भुगतान, काम के अनुरूप मानदेय का निर्धारण नहीं, डॉक्टरों की कमी व मरीजों की संख्या ज्यादा से बढ़े वर्कलोड असंतोष के कारण हैं. जिले में संविदा डॉक्टरों के 106 पद स्वीकृत हैं. 96 कार्यरत थे. वर्तमान में मात्र 80 कार्यरत हैं. अन्य या तो नौकरी छोड़ चुके, अवकाश पर हैं या फिर बिना सूचना के अनुपस्थित हैं.

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