गया: सिविल लाइंस थाने में तैनात दारोगा दीपक कुमार (41 वर्षीय) को विष्णुपद मंदिर क्षेत्र में स्थित एक धर्मशाला में मंगलवार की देर रात दिल का दौरा पड़ा. साथ काम करने वालों ने उन्हें तत्काल अस्पताल में भरती करवाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही देर रात काफी संख्या में पुलिस पदाधिकारी वहां पहुंच गये.
साथ ही बुधवार की सुबह पटना से उनके भाई सहित अन्य परिजन गया पहुंच गये. शव का पोस्टमार्टम अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में कराया गया. पुलिस लाइंस में सिटी एसपी चंदन कुशवाहा, अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अशोक कुमार सिंह, सिटी डीएसपी सोनू कुमार राय, रेल डीएसपी सुनील कुमार, सिविल लाइंस इंस्पेक्टर नागेंद्र प्रसाद, रामपुर थानाध्यक्ष मधुसूदन कुमार, सार्जेट मेजर कल्पनाथ सिंह, सब-इंस्पेक्टर राजकिशोर प्रसाद, सब-इंस्पेक्टर लाल मुनि दूबे सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों की मौजूदगी में सलामी दी गयी. शव को पुलिस पदाधिकारी व सिपाहियों के साथ यूपी के लखनऊ के गोमती नगर भेज दिया.
मंगलवार को आये थे घर से
दारोगा दीपक का पैतृक घर वाराणसी है. उनकी दो बहनों की शादी लखनऊ में हुई है. कई वर्ष पहले उन्होंने ने भी वहीं पर अपना घर बना लिया. लखनऊ में ही उनका पूरा परिवार रहता है. पत्नी के डेंगू की चपेट में आने की सूचना पर वह 16 को घर गये थे. उन्होंने मंगलवार की सुबह ही ड्यूटी ज्वाइन की.
जुड़े थे एनआइए की टीम से
सात जुलाई को बोधगया में हुए सीरियल बम-ब्लास्ट की घटना की जांच में जुटी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम को सहयोग करने के लिए उन्हें लगाया गया था. ऐसे उनकी पोस्टिंग सिविल लाइंस थाने में थी. इसके पूर्व दारोगा ने करीब दो वर्षो तक मगध मेडिकल थानाध्यक्ष के रूप काम किया. 18 अक्तूबर को तत्कालीन एसएसपी विनय कुमार ने इन्हें मगध मेडिकल से हटा कर सिविल लाइंस थाने में पोस्टिंग कर दी थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, जल्द ही उनकी प्रोन्नति इंस्पेक्टर में होनेवाली थी. गया से पहले वह कई वर्षो तक नवादा जिले के विभिन्न थानों में तैनात रहे.