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बढ़ रहे मामले: एटीएम पर उचक्कों की नजर, रुपये की निकासी के दौरान रहें सतर्क धोखे से कोई बदल सकता है कार्ड

गया: शहर के हर एटीएम पर उचक्का गिरोह की नजर है. इस गिरोह के सदस्य ज्यादातर महिलाओं व वृद्धों को निशाना बना रहे हैं. बिना किसी हरवे-हथियार के ही उचक्के धोखे से उनका एटीएम कार्ड बदल दे रहे हैं और उनके बैंकखाते में हजारों-लाखों रुपये उड़ा ले रहे हैं. अब तक इस क्राइम पर न […]

गया: शहर के हर एटीएम पर उचक्का गिरोह की नजर है. इस गिरोह के सदस्य ज्यादातर महिलाओं व वृद्धों को निशाना बना रहे हैं. बिना किसी हरवे-हथियार के ही उचक्के धोखे से उनका एटीएम कार्ड बदल दे रहे हैं और उनके बैंकखाते में हजारों-लाखों रुपये उड़ा ले रहे हैं. अब तक इस क्राइम पर न तो पुलिस की नजर है और न ही बैंक अधिकारियों की. ऐसे में यह मामला बैंक व पुलिसवालों के बीच अटका पड़ा है. पुलिस सिर्फ प्राथमिकी दर्ज कर खानापूर्ति कर ले रही है. अबतक एक भी मामले का खुलासा नहीं हो पाया है. वहीं, हैरत की बात यह है कि पुलिस के वरीय अधिकारी इस धोखाधड़ी को क्राइम नहीं मानते हैं. इसी कारण से बैठकों में इस पर रोक लगाने को लेकर चर्चा नहीं होती है.
ऐसे काम करता है गिरोह : एटीएम कार्ड बदलने में माहिर युवक एटीएम के बाहर खड़े होकर अपने शिकार का इंतजार करते हैं. जब कोई महिला, बुजुर्ग या कोई अन्य व्यक्ति एटीएम में अंदर गया, तो उचक्के केबिन के दरवाजे पर खड़े हो जाते हैं. एटीएम से रुपये निकालने की प्रक्रिया नहीं मालूम होने पर उन्हें असुविधा होने लगती है. तभी एटीएम के दरवाजे पर खड़ा युवक बिना बुलाये ही लोगों की मदद करने की कोशिश करते हैं और उनका एटीएम कार्ड लेकर रुपये की निकासी तो कर देते हैं, लेकिन गुप्त कोड देख लेते हैं और बड़ी चतुराई से लोगों के एटीएम कार्ड बदल देते हैं. रुपये गिनने की हड़बड़ी में लोग उस समय अपना एटीएम कार्ड पर ध्यान नहीं देते हैं. एटीएम कार्ड बदलने के बाद युवक तुरंत खिसक जाता है और दूसरी एटीएम से रुपये की निकासी कर लेता है. मोबाइल पर रुपये की निकासी का मैसेज आने पर एटीएम कार्ड धारक ठगी का एहसास होता है.
अपना रहे ठगी के नये-नये फॉमरूले : घुघड़ीटांड़ इलाके से गत तीन जून को एक युवक का एटीएम कार्ड बदल कर उचक्के ने 1.15 लाख रुपये की निकासी की. मामले की छानबीन में पुलिस ने पाया कि एटीएम के जरिये एक लाख रुपये को दूसरे के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिये गये हैं और एटीएम कार्ड के जरिये निकाल लिये. इसके पीछे शातिर युवक की मंशा थी कि एटीएम कार्ड बदले जाने पर लोग तुरंत उसे लॉक करा देते हैं. साथ ही, एक एटीएम कार्ड से एक दिन में अधिकतम 40 हजार रुपये की ही निकासी हो सकती है. लेकिन, दूसरे खाते में लाखों रुपये ट्रांसफर कर सकते हैं.
चिपका दिये गये हैं कैंसल बटन : बिना सुरक्षागार्ड की एटीएम में मशीन के कैंसल बटन को फेवी क्विक लगा कर चिपका दिया जा रहा है. साथ ही, सीसीटीवी कैमरों को शरारती तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया जा रहा है. नाम न छापने की शर्त पर एक एटीएम एक्सपर्ट ने बताया कि एटीएम से रुपये की निकासी करने के बाद सिस्टम को उस ट्रांजेक्शन से बाहर आने में करीब 30 मिनट का समय लगता है. अमूमन रुपये निकालने के बाद लोग कैंसल का बटन दबा देते हैं. ऐसा करने पर मशीन उक्त ट्रांजेक्शन से बाहर आ जाता है, लेकिन, उचक्का गिरोह ने शहर के अधिकतर एटीएम में कैंसल बटन को फेवी क्विक से चिपका दिया गया है. अगर कोई व्यक्ति 30 सेकेंड के अंदर ही एटीएम से रुपये निकाल कर चला गया और उसने कैंसल बटन नहीं दबाया, तो उचक्का गिरोह उसी ट्रांजेक्शन की बदौलत पुन: उक्त व्यक्ति के खाते से रुपये निकाल लेता है.
सुरक्षागार्ड के लिए लिखा गया है पत्र : एटीएमों के पास सुरक्षागार्ड की तैनाती को लेकर कोतवाली थाने के इंस्पेक्टर उदय शंकर ने एसबीआइ (भारतीय स्टेट बैंक) के वरीय अधिकारियों को दो माह पहले ही पत्र भेजा है. लेकिन, अब तक बैंक अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इंस्पेक्टर ने बताया कि आये दिन एटीएम कार्ड बदल कर रुपये निकालने के मामले सामने आ रहे हैं. शहर की ज्यादातर एटीएमों से सुरक्षागार्ड हटा दिये गये हैं. वहीं, जिन एटीएम में सुरक्षागार्ड हैं, वहां से कार्ड बदल कर धोखाधड़ी की शिकायत नहीं आती है.

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