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माओवादियों से निबटने को तैयार हैं हम : एसएसपी

गया: करने के बाद पुलिस पहले की अपेक्षा अब और चौकस हो गयी है. खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि इस कार्रवाई पर नक्सली जरूर पलटवार करेंगे. इस बाबत खुफिया विभाग ने सरकार को आगाह भी किया है. विभाग का मानना है कि नक्सलग्रस्त इलाके में माओवादी अपने वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए पुलिस […]

गया: करने के बाद पुलिस पहले की अपेक्षा अब और चौकस हो गयी है. खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि इस कार्रवाई पर नक्सली जरूर पलटवार करेंगे. इस बाबत खुफिया विभाग ने सरकार को आगाह भी किया है. विभाग का मानना है कि नक्सलग्रस्त इलाके में माओवादी अपने वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए पुलिस पर घातक हमला कर सकते हैं. इस मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय ने गया व सीमावर्ती जिलों की पुलिस को सचेत रहने का निर्देश दिया है.

इस मामले पर एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि अगर माओवादी हमला करेंगे, तो हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रहेंगे. उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जायेगा. उनकी टीम भी दो-दो हाथ करने को तैयार है.

तीन माओवादियों को लेंगे रिमांड पर: एसएसपी ने बताया कि कोंच थाने के पुनिया बिगहा से लेवी के 1.14 लाख रुपये व हथियारों के साथ गिरफ्तार हुए भाकपा माओवादी संगठन के चाल्हो जोन के टॉप लीडर संजीवन बैठा उर्फ श्रवण, मगध जोन के कोषाध्यक्ष गोरेलाल रमानी और एरिया कमांडर उमेश यादव व सात माओवादियों को सोमवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. इनमें अधिक सक्रिय नक्सली संजीवन बैठा, गोरेलाल रमानी व उमेश यादव को रिमांड पर लेने के लिए कोंच थानाध्यक्ष संतलाल सिंह को निर्देश दिया गया है. जल्द ही कोर्ट में आवेदन दिया जायेगा. एसएसपी ने बताया कि औरंगाबाद की पुलिस भी इन तीनों को जुलाई 2013 में औरंगाबाद जिले के गोह इलाके में स्थित एमबीएल कंपनी के कैंप पर हमला कर सैप के तीन जवानों की हत्या कर 30 अत्याधुनिक हथियार व कारतूस लुटने, अगस्त 2013 में सुनील पांडेय सहित सात लोगों की हुई हत्या, 2013 में ही टीपीसी नामक नक्सली संगठन के सदस्य सुरेंद्र यादव, टंडवा के रहनेवाले शिवनाथ पासवान, बैजनाथ पासवान व बुद्ध यादव की हत्या करने में शामिल हैं.
जल्द शुरू होगा ऑपरेशन विश्वास
एसएसपी ने बताया कि समाज की मुख्य धारा से भटके लोगों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन ‘विश्वास’ शुरू किया जायेगा. जिले के सुदूरवर्ती इलाके में पुलिस पब्लिक सहयोग समिति के तहत कई योजनाएं शुरू की जायेंगी. विभाग के पास फंड की कमी नहीं है. एसएसपी ने कहा कि नक्सलियों के समर्पण पर सरकार की तरफ से कई लाभ दिये जाते हैं. एसएसपी ने बताया कि एएसपी बलिराम कुमार चौधरी करीब छह वर्ष पहले शेरघाटी के डीएसपी थे, तब उनकी पहल पर नक्सली वासुदेव रिकियासन ने समर्पण किया था. लेकिन, उसके बाद गया में समर्पण योजना पर बेहतर तरीके से कामकाज नहीं हुआ.

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