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बंद करें सुपरविजन में खेल

नये डीआइजी शालीन ने बड़े पुलिस अफसरों को हड़काया, कहा गया : दूसरों को कानून के पाठ पढ़ानेवाले पहले खुद कानून का पालन करना सीखें. नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ा क र पुलिसिंग से जुड़े कामकाज करना अब महंगा साबित होगा. डीएसपी व एसपी द्वारा सुपरविजन रिपोर्ट निकालने में एक अलग तरह का खेल होता है. […]

नये डीआइजी शालीन ने बड़े पुलिस अफसरों को हड़काया, कहा
गया : दूसरों को कानून के पाठ पढ़ानेवाले पहले खुद कानून का पालन करना सीखें. नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ा क
र पुलिसिंग से जुड़े कामकाज करना अब महंगा साबित होगा. डीएसपी व एसपी द्वारा सुपरविजन रिपोर्ट निकालने में एक अलग तरह का खेल होता है. इन्वेस्टिगेशन के नाम पर रिपोर्ट-टू व रिपोर्ट-थ्री निकालने में पुलिस अधिकारियों द्वारा जो खेल खेला जाता है, उस धंधे को अविलंब बंद करा दिया जायेगा. ऐसे ही पुलिस अफसरों के चलते पुलिस में लोगों की आस्था नहीं रह गयी है.
उनकी प्राथमिकता होगी कि पुलिस के प्रति जनता के खोये हुए विश्वास को बहाल किया जाये. ये बातें पदभार ग्रहण करने के बाद मगध के नये डीआइजी शालीन ने मीडिया से अपनी पहली मुलाकात में ये बातें कहीं. तब बैठक में उनके साथ मगध रेंज के पांचों जिलों के एसपी भी मौजूद थे.
श्री शालीन ने संवाददाताओं से अपनी बातचीत में कहा कि एसपी और डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारियों को कुछ खास-खास बिंदुओं पर होमवर्क करने के लिए सप्ताह भर का समय दिया गया है. इनसे अपेक्षा है कि इस दौरान ये अपनी गतिविधियां सुधार लेंगे. ऐसा नहीं हुआ, तो इनके विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज होगी. साथ ही पुलिस मुख्यालय को विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी की जायेगी.
नहीं करेंगे ज्यादा इंतजार
डीआइजी ने कहा कि पुलिसिंग सुधारने के लिए हम ज्यादा इंतजार नहीं करेंगे. सभी एसपी व डीएसपी को एक टाइम लाइन दे दिया गया है.
श्री शालीन ने कहा कि अगर कोई अधिकारी-कर्मचारी किसी भी पुलिस अफसर के कामकाज को लालच या प्रलोभन से प्रभावित करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ तुरंत सबूत एकत्र कर एफआइआर करा दें. पुलिस के अफसर जो गलत धंधे कर रहे हैं, उससे अब परदा उठना चाहिए. ऐसा होने पर ही कानून का राज स्थापित होगा.
डीआइजी श्री शालीन ने कहा कि वरदी का सम्मान बनाये रखना हर पुलिस ऑफिसर का कर्त्तव्य है. लेकिन, यह तभी संभव है, जब सीनियर अधिकारी खुद सचेत रहें. सीनियर का इकबाल समाप्त होने पर ही निचले स्तर पर बातें बिगड़ जाती हैं और समाज में हर तरह के अपराध का सिलसिला शुरू हो जाता है.
अगर सीनियर अधिकारी का इकबाल बचा रहे, तो निचले स्तरवाले अधिकारी (होमगार्ड, सिपाही, सब इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर) की क्या औकात है, जो पुलिसिंग में कुछ भी गलत हो जाये. उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर वह सीधे डीएसपी व एसपी के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे.

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