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विद्यार्थियों को वोकेशनल कोर्सो का सत्र पिछड़ने की आशंका, नामांकन का भी इंतजार

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) मुख्यालय व विभिन्न कॉलेजों में चल रहे व्यावसायिक (वोकेशनल) पाठ्यक्रमों में नामांकन के इंतजार में हजारों छात्र-छात्रएं बैठे हैं. अप्रैल गुजरने के बाद अब वोकेशनल कोर्स में नामांकन करानेवाले छात्र-छात्राओं की टकटकी लगी है कि विभिन्न कॉलेजों व संबद्ध संस्थानों द्वारा नामांकन की प्रक्रिया कब शुरू की जाती है. सबसे बड़ा […]

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) मुख्यालय व विभिन्न कॉलेजों में चल रहे व्यावसायिक (वोकेशनल) पाठ्यक्रमों में नामांकन के इंतजार में हजारों छात्र-छात्रएं बैठे हैं. अप्रैल गुजरने के बाद अब वोकेशनल कोर्स में नामांकन करानेवाले छात्र-छात्राओं की टकटकी लगी है कि विभिन्न कॉलेजों व संबद्ध संस्थानों द्वारा नामांकन की प्रक्रिया कब शुरू की जाती है.

सबसे बड़ा मसला दो वर्षीय बीएड कोर्स को लेकर है. इसमें नामांकन की प्रत्याशा में बैठे छात्र-छात्रएं एमयू व संबंधित बीएड कॉलेजों द्वारा नामांकन के लिए आवेदन फॉर्म जारी होने का इंतजार कर रहे हैं. दरअसल, इस सत्र से एनसीइटी के निर्देश पर बीएड का कोर्स दो वर्ष का कर दिया गया है.

हालांकि, इसके लिए मगध विश्वविद्यालय ने एकेडमिक कौंसिल, सिंडिकेट व सीनेट से रेगुलेशन व ऑर्डिनेंस को पारित करा लिया है. अब उसे राजभवन से स्वीकृति के लिए भेजा जा रहा है. इसी तरह अन्य वोकेशनल कोर्सो में दाखिले के लिए भी राजभवन से स्वीकृति मिलने का इंतजार किया जा रहा है.

स्टूडेंट्स को क्लास पिछड़ने का डर

वोकेशनल कोर्सो में सही समय पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से सत्र पिछड़ने का खतरा गहराता जा रहा है. छात्र-छात्रओं को अब यह चिंता सताने लगी है कि अगर सही वक्त पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो उनका क्लास पिछड़ जायेगा और कोर्स को कम समय में पूरा करना मुश्किल हो जायेगा. इसके साथ ही, यह भी कि यदि राजभवन से स्वीकृति मिलने में ज्यादा विलंब हो गया, तब नामांकन की प्रक्रिया अगले सत्र तक के लिए स्थगित हो सकती है. इस कारण अब ज्यादातर विद्यार्थी दूसरे राज्यों में चल रहे वोकेशनल कोर्सो व संस्थानों के बारे में जानकारी जुटाने में लग गये हैं. हालांकि, दूसरे राज्यों में जाकर पढ़ाई करना महंगा पड़ेगा. यह हर किसी के लिए संभव भी नहीं प्रतीत हो रहा है. कई अभिभावकों ने बताया कि कुछ पाठ्यक्रमों में तो नामांकन की इजाजत मिली हुई है, पर विद्यार्थियों की पसंद के अनुरूप अब भी कई पाठ्यक्रमों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है. इससे कोर्स पिछड़ने के साथ ही दूसरे प्रदेशों में बच्चों को भेजने की विवशता बनती जा रही है. इस संबंध में एमयू के सीसीडीसी डॉ संजय तिवारी ने बताया कि पूरे राज्य की यही स्थिति है. उन्होंने बताया कि एमयू प्रशासन द्वारा सीनेट में पारित रेगुलेशन व ऑर्डिनेंस को दो-तीन दिनों में राजभवन भेज दिया जायेगा. इसके बाद राजभवन से नामांकन की स्वीकृति मिलने का इंतजार किया जायेगा. गौरतलब है कि फिलहाल राजभवन से होटल मैनेजमेंट, आइआरडीएम, फॉरेन लैंग्वेज डिप्लोमा इन योगा सहित अन्य कई पाठ्यक्रमों की पढ़ाई शुरू कराने की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है.

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