अभी स्थिति संभली भी नहीं थी कि ठीक 10 मिनट बाद ही 11:51 में दूसरा झटका लगा. हालांकि, असर पहलेवाले से थोड़ा कम रहा, लेकिन सबसे ज्यादा भय पैदा करनेवाला रहा. लोगों में इस कदर डर समा गया था कि कोई अपने घरों या दफ्तरों में जाने को तैयार ही नहीं.
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भूकंप: खौफ, डर व घबराहट
गया: अन्य दिनों की सुबह की तरह शनिवार की सुबह भी सामान्य थी. सभी रोजमर्रा के कामकाज में लगे थे. एक सामान्य रफ्तार से सबकुछ ठीक था. लेकिन, 11 बज कर 41 मिनट पर सबकुछ बदल गया. भूकंप के झटके ने दृश्य ही बदल दिया. जो जहां था, जैसे था, छोड़-छाड़ कर भागा. आधे लोग […]
गया: अन्य दिनों की सुबह की तरह शनिवार की सुबह भी सामान्य थी. सभी रोजमर्रा के कामकाज में लगे थे. एक सामान्य रफ्तार से सबकुछ ठीक था. लेकिन, 11 बज कर 41 मिनट पर सबकुछ बदल गया. भूकंप के झटके ने दृश्य ही बदल दिया. जो जहां था, जैसे था, छोड़-छाड़ कर भागा. आधे लोग झटका महसूस कर भागे, तो आधे सामनेवाले को देख कर भागे. सबके चेहरे पर खौफ, डर व घबराहट. भागते-भागते लोगों ने समझ लिया कि गया में जलजला (भूकंप) का झटका है. लोगों ने फोन कर अपने जाननेवालों का कुशलक्षेम पूछने के लिए मोबाइल उठाया, लेकिन नेटवर्क ने साथ नहीं दिया. यह भी भूकंप का ही असर था.
घंटों होता रहा मंथन : भूकंप के झटके खत्म होने के बाद भी लोग घंटों सड़क पर जमे रहे. इस दौरान कई बातें होती रहीं. कोई भूकंप की तीव्रता की बात कर रहा था, तो कोई भूकंप के वापस आने की आशंका जाहिर कर रहा था. महिलाएं भी घरों में नुकसान का हिसाब करती दिखीं.
कई न्यूज चैनल भी रहे प्रभावित : भूकंप के दौरान केबुल डिस्ट्रीब्यूटरों के टावरों (एंटीना) के सिगनल कमजोर हो गये. चैनलों पर ब्रॉडकॉस्टिंग प्रभावित रही. डिस्ट्रीब्यूटरों ने भी पहले झटके के साथ ही केबुल नेटवर्क बंद कर दिया. स्थिति सामान्य होने के बाद ही नेटवर्क को ठीक किया गया. हालांकि, खराब नेटवर्किग के बावजूद लोग लगातार टीवी पर न्यूज चैनलों की खोज करते रहे.
भगदड़ जैसी हो गयी थी स्थिति : भूकंप के साथ ही कई जगहों पर भगदड़ मच गयी. भूकंप के झटके के साथ ही लोग सड़कों पर आ गये. सुबह होने की वजह से काफी भीड़ थी, इसीलिए भगदड़ जैसी स्थिति हो गयी. इस दौरान कई लोग घायल भी हो गये.
पहले समझ में नहीं आया. लगा हवा की वजह से कुछ हिल रहा है. सारे फ्रेंड कमरे से बाहर निकल कर चिल्ला रहे थे, तब पता चला कि भूकंप आया है. पहली बार भूकंप को महसूस किया, लेकिन रोमांच जैसा लगा.
मिस्टी, कोलकाता निवासी
झटका लगा, समझ में आ गया कि भूकंप आया है. मॉल में लगभग 300 ग्राहक मौजूद थे, तत्काल अपने सहयोगियों की मदद से सभी को बाहर खुली सड़क पर निकाला गया. किसी का कोई नुकसान नहीं हुआ. ऐसे हालात के लिए मुख्य गेट के अलावा एक अतिरिक्त निकास द्वार है.
अरुण नरेडिया, स्टोर मैनेजर, वी2
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