दलालों से रेल पुलिस पूछताछ कर रही है, जबकि बच्चों को बागेश्वरी मुहल्ले स्थित खुला आश्रय भेज दिया गया है. संस्था के निदेशक ने बताया कि महिला दलाल के साथ पकड़े गये दो बच्चों की पहचान गया जिले के गुरुआ थाने के वरियाटाड़ (वर्मा) गांव के मो इलियास के 11 वर्षीय बेटे मो नासिर व कांग्रेस मांझी के 17 वर्षीय बेटे दिनेश कुमार के रूप में की गयी है. महिला बच्चों को जयपुर में चूड़ी फैक्टरी में काम कराने के लिए ले जा रही थी.
इधर, पुरुष दलाल से पकड़े गये दोनों बच्चों की पहचान गया के मुफस्सिल थाने के कुम्हार टोली मुहल्ले के स्व करिवा मांझी के 12 वर्षीय बेटे मुकेश कुमार व रूपदास के 14 वर्षीय बेटे संदीप कुमार के रूप में की गयी है. दोनों को सिकंदराबाद ले जाने की तैयारी थी. दलालों में महिला चंदौती थाने के नवीनगर गांव के मो इजाज की पत्नी रूबी खातून है, जबकि पुरुष मुफस्सिल थाने के कुम्हार टोली मुहल्ले के रविदास का बेटा गुड्डू कुमार है. महिला दलाल ने बताया कि दोनों बच्चों को चार-चार हजार रुपये की मासिक मजदूरी पर चूड़ी कारखाने में मजदूरी के लिए सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस से जयपुर ले जा रही थी. उनके मां-बाप को दो-दो हजार एडवांस दिये गये थे.
पुरुष दलाल दोनों बच्चों को गया-मद्रास एक्सप्रेस से सिकंदराबाद ले जा रहा था. दोनों दलालों के खिलाफ जीआरपी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. संस्था की अध्यक्षा श्रीमती प्रिया ने बताया कि बाल कल्याण समिति, गया के पास बच्चों को प्रस्तुत कर खुला आश्रय में रखा गया है. उनके मां-बाप की पहचान कर सौंप दिया जायेगा.