कुछ बच्चों की पहली पाली में भौतिकी, रसायन, भूगोल व मनोविज्ञान की परीक्षा ली गयी. दूसरी पाली में परीक्षा शुरू हुई, तो रौल नंबर के हिसाब से छात्रों को ग्रुपों में बांटा गया. हालांकि, उन्हें उपस्थित पंजी पर हस्ताक्षर के लिए भटकना पड़ा. पता चला है कि प्रथम पाली में 35 छात्रों का ग्रुप बना था, लेकिन इस ग्रुप को रद्द कर 50 छात्रों का ग्रुप बनाया गया.
इस सिलसिले में बातचीत के लिए परीक्षा नियंत्रक अंबिका प्रसाद के मोबाइल पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. इधर, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआइएसएफ) के मगध विश्वविद्यालय इकाई, बोधगया के प्रतिनिधि सौरभ यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जीवविज्ञान व रसायन शास्त्र विषय में प्रति छात्र 200 रुपये की मांग की गयी. उन्होंने बताया कि जब प्राचार्या को इस बात की जानकारी दी गयी, तो उन्होंने लिखित शिकायत करने की मांग की.