बोधगया: बोधगया के प्राथमिक विद्यालय, डिरांवा में गुरुवार की दोपहर उस समय अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया, जब स्कूल के किचन से कीटनाशक की दरुगध आने लगी. इससे स्कूल के विद्यार्थी, शिक्षक व रसोइया काफी डर गये. इसके बाद इसकी सूचना प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीइओ) सत्य नारायण साहू को दी गयी.
स्कूल परिसर में दरुगध की सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण भी जमा हो गये और अधिकारियों के आने का इंतजार करने लगे. इसके बाद जिला मध्याह्न् भोजन प्रभारी के प्रतिनिधि के रूप में विपिन कुमार पांडेय स्कूल पहुंचे. इस दौरान स्कूल परिसर में कीटनाशक की दरुगध आती रही. पर किसी खास स्थान व सामग्री से नहीं. संदेह होने पर अधिकारियों ने भोजन को एक गड्डे में डलवा दिया और उसे बच्चों की पहुंच से दूर रखा. हालांकि, इस बीच उक्त भोजन को वहां मौजूद चार कुत्तों को खिलाया गया, लेकिन भोजन करने के बाद कुत्तों को कोई फर्क नहीं पड़ा. विपिन कुमार भोजन के नमूने जांच के लिए ले गये.
स्कूल की प्राधानाचार्या रेखा कुमारी ने बताया कि दोपहर करीब 1:20 बजे बच्चों को भोजन परोसने की तैयारी चल रही थी. इसी बीच बच्चों व रसोइया रीना देवी, कौशमी देवी व मालती देवी ने भी रसोई घर की तरफ से दरुगध आने की शिकायत शिक्षकों से की. इसके बाद शिक्षकों ने भी गंध महसूस किया व इसकी सूचना बीइओ व एमडीएम प्रभारी को दी. स्कूल के शिक्षक धीरज कुमार ने बताया कि भोजन तैयार होने के बाद बच्चों को टिफिन (मध्यांतर) दिया गया. इस दौरान सड़क (गया-चेरकी रोड) से एक पागल महिला गुजर रही थी. बच्चों सहित रसोइया भी उक्त पागल को देखने लगे. सभी का ध्यान कुछ देर के लिए उस पर चला गया. पर, जब बच्चों को भोजन के लिए बैठाया जाने लगा, तब किचन से दरुगध आने लगी. इसके बाद अफरा-तफरी मच गया. गांव के लोग भी पहुंच गये.
बीइओ ने बताया कि सूचना पर स्कूल पहुंचा व दरुगध आने और संदेह होने के आधार पर बच्चों के भोजन को एक गड्डा खोद कर उसमें दबा दिया गया. गौरतलब है कि स्कूल परिसर में चहारदीवारी नहीं है व स्कूल के आसपास के खेतों में मक्का लगा हुआ है. इस स्कूल में 351 बच्चों का नामांकन है, पर गुरुवार को सिर्फ उपस्थित 195 बच्चों के लिए चावल व साग-सब्जी मिला कर दाल बनाया गया था. इस बीच कुछ बच्चों अपने घर जाकर खाना खाया.