* प्रशासन ने शुरू करवायी घेराबंदी, खड़ी होगी दीवार
* मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से पूरब लाल पत्थर तक शुरू हुई घेराबंदी
बोधगया : महाबोधि मंदिर की सुरक्षा को चाक–चौबंद करने की कवायद के तहत शनिवार को मंदिर के बाहरी प्रवेश द्वार से पूरब लाल पत्थर तक घेराबंदी (कुछ दूर छोड़ कर) का काम शुरू कर दिया गया. इसके बाद लाल पत्थर यानी रेड पैडस्टल आम रास्ता नहीं रह जायेगा. अब बीटीएमसी कार्यालय के समीप से लोग लाल पत्थर होते हुए गांधी चौक व गोदाम रोड तक नहीं पहुंच सकेंगे. इसके लिए उन्हें या तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से या फिर संस्कृत कॉलेज मोड़ से पहुंचना होगा.
हालांकि, गांधी चौक से जगन्नाथ मंदिर व स्वास्थ्य केंद्र तक आने–जाने के लिए प्रशासन द्वारा 12 फुट का रास्ता छोड़े जाने की बात कही जा रही है. पर, स्थानीय दुकानदारों ने इससे व्यवसाय का प्रभावित होना बताया है. योजना के तहत लाल पत्थर पर उतर व दक्षिण दिशा से भी चहारदीवारी खड़ा करना व पूरब और उतर में छोटा गेट दिया जायेगा.
सदर एसडीओ मकसूद आलम ने बताया कि बीटीएमसी कार्यालय के समीप ही महाबोधि मंदिर आनेवाले श्रद्धालुओं की जांच होगी. इसके बाद उनके सामान व जूते–चप्पल रेड पैडस्टल पर बने अमानती घरों में रखे जायेंगे. महाबोधि मंदिर से निकलने के बाद श्रद्धालु जगन्नाथ मंदिर की तरफ वाले गेट से भी बाहर निकल सकेंगे, पर वापस इस गेट से प्रवेश नहीं कर सकेंगे.
यह सिर्फ निकास द्वार के रूप में प्रयोग होगा. उन्होंने बताया कि गांधी चौक यानी पूरब की तरफ बनाये जाने वाले गेट को बंद रखा जायेगा. इसे विशेष परिस्थिति में खोला जायेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि समाधि स्थल व वाग देवी मंदिर में प्रवेश करने के लिए गांधी चौक के समीप एक गेट बनाया जायेगा. समाधि स्थल के किनारे स्थित दुकानों के कागजात मांगे गये हैं.
इन्हें अवैध पाये जाने पर उन्हें भी हटा दिया जायेगा. इसमें 56 दुकानें हैं, जिनका नियंत्रण बोधगया स्थित शंकराचार्य मठ के अधीन है. दुकानों के वैध या अवैध का मामला भी न्यायालय में चल रहा है. लाल पत्थर पर की जाने वाली घेराबंदी को लेकर शनिवार की सुबह से ही काफी संख्या में पुलिस तैनात थी.
दंगा निरोधी वाहन, दमकल सहित 15 दंडाधिकारियों की तैनाती कर प्रशासन किसी तरह के विरोध का सामना करने के लिए भी तैयार था. सुबह में जब चहारदीवारी खड़ा करने के लिए पदाधिकारी मजदूरों के साथ पहुंचे, तब आसपास के दुकानदारों ने इसका विरोध किया. सदर एसडीओ व डीएसपी सतीश कुमार ने मंदिर की सुरक्षा व सरकारी जमीन की घेराबंदी करने का हवाला दे रोक दिया.