गया: गया जिले के सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने पश्चिम चंपारण (बेतिया) जिले के लौकरिया थाने के बैरिया खुर्द गांव में छापेमारी कर वीरेंद्र काजी उर्फ वीरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है. सिविल लाइंस थाने के सब इंस्पेक्टर (एसआइ) अशोक चौधरी ने वीरेंद्र को सोमवार को गया कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया.
एसआइ ने बताया कि इस मामले को लेकर गया शहर के घुघड़ीटांड मुहल्ले के मधुसूदन कॉलोनी-रोड नंबर सात के रहनेवाले रवि कुमार ने रियल बांड मार्केटिंग व रियल लैंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन सत्यदेव प्रसाद गुप्ता, वीरेंद्र काजी उर्फ वीरेंद्र कुमार सहित आठ लोगों के विरुद्ध 25 नवंबर, 2013 को सिविल लाइंस थाने में धारा 406, 420, 467, 468, 471, 120 (बी) व 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में बताया गया था कि नन बैकिंग अधिकारियों के बहकावे में आकर रवि के परिजनों ने करीब 50 लाख रुपये का निवेश किया. इसके अलावा कंपनी ने गया शहर की मधुसूदन कॉलोनी के प्रवींद्र कुमार मौर्य की पत्नी संजू कुमारी से 20 लाख रुपये, लखनपुरा के राकेश प्रसाद व संतोष कुमार सहित अन्य से 34 लाख रुपये, दंडीबाग के अनिल कुमार से 20 लाख रुपये व मधुसूदन कॉलोनी-रोड नंबर पांच के रहनेवाले प्रवीण कुमार सिन्हा से चार लाख रुपये का निवेश कराया. पैसे ऐंठने के बाद कंपनी भाग गयी.
एसआइ ने बताया कि एक साल तक किये गये इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि उक्त नन बैकिंग कंपनी के अधिकारियों ने अधिक ब्याज देने के नाम पर गया के लोगों से करीब दो करोड़ रुपये की वसूली की. कंपनी ने दिल्ली से भी काफी रुपये उड़ाये हैं.
उन्होंने बताया कि इस मामले में वीरेंद्र काजी पहला आरोपित गिरफ्तार हुआ है. अन्य 11 आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रयास जारी है. इस नन बैकिंग का मास्टरमाइंड अजय गुप्ता है.