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अधिकारियों ने किया कमाल, न फेल हुए न पास

गया: तेजल श्री, कंचन, किरण, काजल, प्रियंका व तरन्नुम परवीन को आगे पढ़ने का सपना था. लेकिन, उनका सपना चूर हो गया. इनके साथ शिक्षा अधिकारियों ने ऐसा खेले खेला कि मैट्रिक में न पास हुईं और न ही फेल. सभी लड़कियां प्रोजेक्ट गल्र्स हाइस्कूल, डुमरिया की छात्रएं हैं. यह तो बानगी मात्र है. स्कूल […]

गया: तेजल श्री, कंचन, किरण, काजल, प्रियंका व तरन्नुम परवीन को आगे पढ़ने का सपना था. लेकिन, उनका सपना चूर हो गया. इनके साथ शिक्षा अधिकारियों ने ऐसा खेले खेला कि मैट्रिक में न पास हुईं और न ही फेल. सभी लड़कियां प्रोजेक्ट गल्र्स हाइस्कूल, डुमरिया की छात्रएं हैं. यह तो बानगी मात्र है. स्कूल की सभी 97 छात्रओं का रिजल्ट बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पेंडिंग में डाल दिया है. यह समस्या गलत स्कूल कोड का प्रयोग होने से खड़ी हुई है. इससे छात्रओं में निराशा व अभिभावक में आक्रोश व्याप्त है.

रिजल्ट नहीं होने से प्रिंसिपल भरी दबाव में हैं. वह जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) कार्यालय से लेकर परीक्षा समिति के कार्यालय का चक्कर लगाते फिर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, प्रोजेक्ट गर्ल्‍स हाइस्कूल, डुमरिया की 103 छात्राओं ने 2012 में मैट्रिक परीक्षा के लिए पंजीयन कराया था, लेकिन उनमें से 97 ने ही परीक्षा फॉर्म भरा.

सभी छात्राएं परीक्षा में शामिल हुईं, लेकिन सभी का रिजल्ट पेंडिंग में डाल दिया गया. इस संबंध में साजिद अहमद बाजी, श्याम नारायण पासवान, केश्वर चौधरी आदि अभिभावकों ने बताया कि गलत स्कूल कोड का प्रयोग करने के कारण सभी बेटियों का भविष्य अंधकारमय है. रिजल्ट आने की अब तक कोई संभावना नहीं दिख रही है. कौन पास व कौन फेल है, इस बात को लेकर भी संशय बना हुआ है. प्राय: सभी कॉलेजों में नामांकन के लिए आवेदन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद रिजल्ट आता है, तो शायद ही किसी का नामांकन हो सकेगा. इससे अभिभावकों में आक्रोश है.

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