बोधगया: बिहार एजुकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की तरफ से मगध विश्वविद्यालय (एमयू) कैंपस में नये भवन बनाने व जजर्र भवनों की मरम्मत की योजना फिलहाल धरातल पर उतरती नहीं दिख रही है. इस योजना पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किये जाने हैं.
विगत अप्रैल माह में बिहार एजुकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अधिकारियों व इंजीनियरों ने एमयू कैंपस का जायजा लिया था. इसके बाद नये भवन बनाने व पुराने भवनों के जीर्णोद्धार के प्राक्कलन बना कर कॉरपोरेशन को सौंपा गया था. पहले चरण में एमयू के हॉस्टलों, पीजी विभागों, प्रशासकीय भवन व कर्मचारी क्वार्टरों की मरम्मत करने का प्रस्ताव है. दो नये हॉस्टल भवन भी बनाये जाने हैं. लेकिन, प्राक्कलन भेजे जाने के बाद अब तक न तो निविदा निकाली गयी है और न ही कोई प्रक्रिया आगे बढ़ी है. एमयू प्रशासन भी इस इंतजार में है कि सरकार द्वारा कब तक एमयू के भवनों का कायाकल्प कराया जायेगा.
एमयू का शेयर 25 प्रतिशत
मगध विश्वविद्यालय के सीसीडीसी डॉ संजय तिवारी ने बताया कि बिहार एजुकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा बिहार के सभी विश्वविद्यालयों को दिये जाने वाले आवंटन में से मगध विश्वविद्यालय का शेयर 25 प्रतिशत बनता है. उन्होंने बताया कि विकास कार्य के लिए 450 करोड़ रुपये का आवंटन है. इसमें एमयू के लिए एक सौ करोड़ से ज्यादा रुपये की भागीदारी बनती है. उन्होंने बताया कि कॉरपोरेशन के इंजीनियरों ने एमयू कैंपस का जायजा लेने के बाद निर्माण कार्य का प्राक्कलन भी बनाया था. अब मामला राज्य सरकार के अधीन है. उन्होंने बताया कि कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने कहा कि प्रक्रिया जारी है. आवंटन के अनुसार काम शुरू किया जायेगा. हालांकि, पटना विश्वविद्यालय कैंपस में इसी योजना के तहत निर्माण कार्य शुरू हो चुका है व कई भवन बन भी चुके हैं.