गया: आर्म्स एक्ट से जुड़े अपराधियों पर शिकंजा कसने की कवायद तेज हो गयी है. पुलिस मुख्यालय ने आर्म्स एक्ट के आरोपितों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाने का फरमान जारी किया है और वहां से लगातार इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है. इसी मामले को लेकर सोमवार को एसएसपी गणोश कुमार ने स्पीडी ट्रायल कोषांग के प्रभारी सब-इंस्पेक्टर राज किशोर प्रसाद सहित जिला अभियोजन पदाधिकारी व सहायक अभियोजन पदाधिकारियों के साथ बैठक की.
उन्होंने आर्म्स एक्ट के तहत अभी तक जिले के कितने मामलों को चिह्न्ति किया गया है, पहले से कितने मामले चल रहे हैं, कठिनाइयों के कारणों और दूर करने के क्या उपाय आदि पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि जिले में आर्म्स एक्ट से जुड़े चर्चित 50 मामलों को चिह्न्ति किया गया है.
पुलिस की कछुआ चाल
आर्म्स एक्ट के मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत आरोपितों को सजा दिलाने में हाल के वर्षो में गया पुलिस कछुए की चाल से चल रही है. पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार, पुलिस ने वर्ष 2007 में 75 अपराधियों से सजा दिलायी, लेकिन इसके बाद ग्राफ गिरता चला गया. वर्ष 2008 में 56, वर्ष 2009 में 28, वर्ष 2010 में 30, 2011 में आठ और 2012 में सात अपराधियों को सजा दिलायी गयी.
हालांकि, स्पीडी ट्रायल के मामले के जुड़े पुलिस पदाधिकारियों का कहना है कि स्पीडी ट्रायल से सजा दिलाने में कई प्रकार की समस्याएं आ रही हैं. इसमें तेजी लाने के लिए पुलिस मुख्यालय से वरीय अधिकारी कोर्ट के अधिकारियों के साथ मीटिंग करें, तो कई समस्याओं का समाधान होगा.