बोधगया: मगध विश्वविद्यालय में बुधवार को विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों से कुलपति आरके खंडेलवाल ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य शिक्षा में गुणवत्ता लाकर अच्छे विद्यार्थी तैयार करना है. उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि छात्र-छात्रओं में अनुशासन के साथ-साथ पठन-पाठन का माहौल तैयार किया जाये व विद्यार्थियों को जीवन जीने की कला सिखायी जाये.
कुलपति ने दूरस्थ शिक्षा विभाग के डॉ राधाकृष्णन हॉल में विभागाध्यक्षों द्वारा प्रस्तुत किये जा रहे पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के दौरान सभी हेड्स के ईमेल आइडी संग्रह कर वित्त पदाधिकारी को सौंप दिये. कुलपति ने बताया कि शिक्षकों के भुगतान के बाद उन्हें ई-मेल पर सूचित कर दिया जायेगा. प्रेजेंटेशन के दौरान कई विभागाध्यक्षों ने कंटिंजेंसी के पैसे को समय पर नहीं दिये जाने की शिकायत की. इस पर कुलपति ने वित्त पदाधिकारी को तलब किया. वित्त पदाधिकारी ने संबंधित हेड्स के हस्ताक्षर दिखाते हुए बताया कि गत पांच मई को ही कंटिंजेंसी के रुपये भेज दिये गये हैं.
कुलपति ने विभिन्न भवनों की जजर्र स्थिति की शिकायत पर अभियंता प्रदीप कुमार से जानकारी मांगी. अभियंता ने मजदूरों के अभाव में काम बाधित बताया. लेकिन कुलपति ने लगे हाथ गृह विज्ञान विभाग के भवन के उद्घाटन की तिथि 15 जून तय कर दी. विभिन्न विभागों के हेड्स द्वारा दिये गये प्रेजेंटेशन के बाद कुलपति ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया.
मगध विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ एमएस इसलाम ने बताया कि बुधवार को बॉटनी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार, जंतु विज्ञान से प्रोफेसर अजीत कुमार, गणित विभाग से प्रोफेसर रामाधार प्रसाद, रसायन विज्ञान से प्रोफेसर शिवाधार शर्मा, भौतिकी से डॉ नरेंद्र सिंह, भूगोल विभाग से प्रोफेसर अशोक कुमार सिन्हा, उर्दू विभाग से प्रोफेसर मंसूर आलम, गृह विज्ञान विभाग से डॉ शफकत आरा, समाज विज्ञान से प्रोफेसर पुष्पा चंद्रा, अंगरेजी विभाग से प्रोफेसर सोमनाथ प्रसाद व प्राचीन भारतीय अध्ययन विभाग से डॉ सुशील कुमार सिंह ने अपने-अपने विभागों के बारे में बताया. डॉ इसलाम ने बताया कि बाकी विभागाध्यक्षों द्वारा बाद में प्रेजेंटेशन दिया जायेगा.
इससे पहले कुलपति द्वारा सभी विभागाध्यक्षों का स्वागत किया गया व बड़े ही सौहार्दपूर्ण माहौल में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन शुरू किया गया. इस मौके पर कुलसचिव डॉ डीके यादव, डीएसडब्ल्यू डॉ आरपी सिंह सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे.