17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सिरदर्द बनी नक्सलियों की खामोशी

गया: भारत निर्वाचन आयोग ने पांच मार्च को 16वीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बजाया. चुनाव की आहट होते ही पुलिस की नींद उड़ गयी थी. वोट का बहिष्कार करनेवाले भाकपा-माओवादी संगठन द्वारा किये जानेवाले खून-खराबे को लेकर थानेदार से लेकर डीआइजी रैंक के अधिकारी चिंतित हो उठे थे. लेकिन, हाल के करीब 20 वर्षो में […]

गया: भारत निर्वाचन आयोग ने पांच मार्च को 16वीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बजाया. चुनाव की आहट होते ही पुलिस की नींद उड़ गयी थी. वोट का बहिष्कार करनेवाले भाकपा-माओवादी संगठन द्वारा किये जानेवाले खून-खराबे को लेकर थानेदार से लेकर डीआइजी रैंक के अधिकारी चिंतित हो उठे थे. लेकिन, हाल के करीब 20 वर्षो में होनेवाले चुनाव का सारा रिकॉर्ड इस बार टूट गया.

मतदान में जिले में खून का एक कतरा भी नहीं गिरा. मतदान के दिन भी माओवादी अपनी मांद से बाहर नहीं निकले. मतदान के दिन बांकेबाजार, इमामगंज, डुमरिया व परैया इलाके में माओवादियों ने सिर्फ 10 बम खुले में रख दिये थे. इसे आसानी से सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ते ने नष्ट कर दिया. लेकिन, किसी भी मतदान केंद्र पर माओवादियों ने हमला नहीं किया और न ही पोलिंग पार्टी पर हमला किया.

माओवादियों की इस खामोशी को लेकर जिला पुलिस बेचैन है. अधिकारियों को अब आशंका होने लगी है कि चुनाव में सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर माओवादी छिपे रहे या फिर कोई और बात है. कहीं उनकी मंशा किसी बड़ी घटना करने की तो नहीं है. इस आशंका को लेकर पुलिस के वरीय अधिकारी खुफिया सूत्रों से जानकारी जुटाने में लगे हैं कि अब माओवादियों की मंशा क्या है? सूचना है कि माओवादियों की इस खामोशी को लेकर पुलिस मुख्यालय से जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को सचेत किया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें