मॉनसून सिर पर :मंडरा रहा जलजमाव का खतरा

एक बार फिर शहर को डुबोयेगी अधिकारियों की सुस्ती गया : रमजान में भी रोजेदारों को बारी रोड व दुर्गाबाड़ी में जलजमाव से मुक्ति नहीं मिल पायी है. रोड पर जमा गंदे पानी से होकर ही लोग बाजार आदि जाने को मजबूर हैं. लोगों के सामने असमंजस की स्थिति नमाज के समय आती है. इसी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 19, 2017 12:01 PM
एक बार फिर शहर को डुबोयेगी अधिकारियों की सुस्ती
गया : रमजान में भी रोजेदारों को बारी रोड व दुर्गाबाड़ी में जलजमाव से मुक्ति नहीं मिल पायी है. रोड पर जमा गंदे पानी से होकर ही लोग बाजार आदि जाने को मजबूर हैं. लोगों के सामने असमंजस की स्थिति नमाज के समय आती है. इसी रोड से होकर मसजिद तक पहुंचना होता है. किसी तरह सड़क किनारे बने मकान के दरवाजे का सहारा लेकर लोग मसजिद तक पहुंचते हैं.
लोगों का कहना है कि रमजान का पाक महीना होने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. हालांकि, शनिवार को निगम सभागार में बैठक कर मेयर वीरेंद्र कुमार व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने रमजान के पवित्र महीने को ध्यान में रख कर यहां जल्द काम कराने का आदेश सफाई प्रभारी को दिया है. लेकिन, आदेश धरातल पर उतरने के बाद ही बात बनेगी. इधर, पॉश इलाकों एपी कॉलोनी व नूतननगर के लोगों को भी बरसात में जलजमाव का डर सताने लगा है.
नूतननगर में रोड पर नाले का पानी अक्सर जमा रहता है. मॉनसून सिर पर है, लेकिन नालों व नालियों की सफाई के प्रति नगर निगम प्रशासन सुस्त नजर आ रहा है.
यह हो रहा उपाय : बारी रोड व दुर्गाबाड़ी से जलजमाव हटाने के लिए चौक के पास कई दिनों से डीजल पंप चलाया जा रहा है. रात में डीजल पंप चलने के बाद सुबह से लेकर दोपहर एक बजे तक जलजमाव कम रहता है. इसके बाद रोड पर जलजमाव बढ़ने लगता है. इससे लोगों को स्थायी निजात दिलाने के लिए बॉटम नाले से अतिक्रमण हटाया गया है.
इसके बाद अतिक्रमण के दौरान तोड़े गये निर्माण का मलबा हटाने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है. इस कारण एक बार फिर लोगों को बारिश होने पर पिछले साल की तरह फजीहत का डर सताने लगा है. निगम के पदाधिकारी व नये बोर्ड के सदस्यों को भी इसी तरह का अंदेशा सता रहा है. लोगों का कहना है कि इस बार अगर नाले को साफ नहीं किया गया, तो लोगों को खूब परेशानी झेलनी पड़ेगी.
कई वर्ष पुरानी है समस्या
कई वर्षों से बॉटम नाले के कारण लोगों को फजीहत उठानी पड़ रही है. बरसात नजदीक होने व समस्या के समाधान के लिए उठाये जा रहे कदम की गति को देख कर लगता है कि इस बार भी लोगों को ‘पानी-पानी’ होना पड़ेगा.
गौरतलब है कि बॉटम नाले पर अतिक्रमण के कारण दुर्गाबाड़ी व बारी रोड में हर मौसम में जलजमाव रहता है. बरसात के दिनों में जलजमाव का एरिया बढ़ जाता है. पिछले वर्ष बॉटम ब्रिज, फकीर टोला, कठोकर तालाब, स्वराजपुरी रोड व नगर निगम कार्यालय परिसर में जलजमाव हो गया था. कई मुहल्लों में लोगों के घरों तक पांच से छह फुट पानी पहुंच गया था. इस बार महादेव घाट से रमना तक नाले पर बने अवैध मकान को हटा दिया गया है. लेकिन, रमना से बारी रोड तक पहुंचने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी होगी. बारी रोड आदि में साफ-सफाई के बिना स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सकता है.
लोगों को पार्षद से काफी उम्मीदें
लोगों ने कहा कि आशा है कि इस बार नये पार्षद इस बारे में कोई कारगर कदम उठायेंगे. इस बार सभी इस समस्या पर आवाज उठानेवाले को ही पार्षद चुना है.
गया कॉलेज मोड़ से आशा सिंह मोड़ तक अंदर ग्राउंड नाले की सफाई कई वर्षों से नहीं की गयी है. इसके कारण बैंक ऑफ इंडिया से लेकर आशा सिंह मोड़ तक बरसात में जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. लोगों ने भी अंदर ग्राउंड नाला ध्वस्त करने में बहुत योगदान किया है. मकान निर्माण के समय लोगों ने कभी भी पानी निकासी के लिए नहीं सोचा और नाले के कई चेंबर को बंद कर दिया है.
यहां भी होता है जलजमाव
शहर का पॉश इलाका माने जानेवाले वार्ड नंबर 32 के मुहल्लों में ड्रेनेज सिस्टम पूरी तौर से चौपट हो गया है. इसके कारण यहां हर वर्ष बरसात में लोगों को जलजमाव का सामना करना पड़ता है. पिछले साल लोगों के घरों तक यहां भी पानी पहुंच गया था. इसको लेकर जल व्यवस्था संघर्ष समिति द्वारा पिछले कई वर्षों से आंदोलन किया जाता रहा है. इस बार निकाय चुनाव के बाद समिति के सचिव गजेंद्र सिंह पार्षद बने हैं.
शनिवार को साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में पहुंचे स्थानीय पार्षद ने अपने वार्ड की समस्या का जल्द समाधान निकालने की मांग की. लोगों का कहना है कि पिछले साल जलजमाव से मुक्ति के लिए 24 से अधिक चेंबर का निर्माण किया गया, लेकिन इसके बाद भी लोगों को जलजमाव से निजात नहीं मिल सकी.

Next Article

Exit mobile version