ठंड व बारिश से पटना में अस्पतालों के ओपीडी में घटे 60% मरीज, इमरजेंसी में मरीजों का बढ़ा दबाव

पीएमसीएच में सोमवार को 1061 मरीज इलाज कराने पहुंचे थे, जबकि ठंड व कोविड से पहले यहां रोजाना 2000 से 2300 के बीच मरीज इलाज कराने पहुंचे थे.

By Prabhat Khabar | January 25, 2022 8:16 AM

पटना कड़ाके की ठंड, बारिश और कोरोना के चलते शहर के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या करीब 60 फीसदी कम हो गयी है. यह स्थिति शहर के पीएमसीएच, पटना एम्स, आइजीआइएमएस के अलावा गार्डिनर रोड, राजवंशी नगर स्थित एलएनजेपी हड्डी अस्पताल, गर्दनीबाग अस्पतालों की है. जहां मरीजों की संख्या काफी घट गयी है.

इमरजेंसी में मरीजों का दबाव बढ़ा

इन्हीं अस्पतालों में 15 दिन पहले तक रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्चा बनवाने के लिए कई घंटे मरीज और परिजन संघर्ष करते थे़ वहां अब 10 मिनट में आसानी से पर्चा बन जा रहा है.ब्लड सैंपल, दवा काउंटर व डॉक्टरों के कमरे के बाहर मरीजों की संख्या 30 से 35 प्रतिशत रह गयी है, जबकि इमरजेंसी में मरीजों का दबाव बढ़ गया है. पीएमसीएच में सोमवार को 1061 मरीज इलाज कराने पहुंचे थे, जबकि ठंड व कोविड से पहले यहां रोजाना 2000 से 2300 के बीच मरीज इलाज कराने पहुंचे थे.

अस्पतालों के डॉक्टर बोल

  • पीएमसीएच अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि मौसम में बदलाव से मरीजों की संख्या में कमी आयी है. जबकि हमारे यहां ओपीडी सामान्य दिनों की तरह चल रही है. करीब 50 से 60 प्रतिशत मरीज कम आ रहे हैं.

  • गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि ओपीडी में 500 के करीब मरीज देखे जाते थे लेकिन वे घटकर 200 रह गये है़ं

  • राजवंशी नगर स्थित एलएनजेपी हड्डी अस्पताल के निदेशक डॉ सुभाष चंद्रा ने कहा कि मरीज काफी घट गये हैं. जो गंभीर मरीज हैं वही आ रहे हैं.

खांसी, सर्दी, बुखार के मरीज बढ़

कोरोना की तीसरी लहर के चलते ओपीडी में सबसे ज्यादा मरीज जुकाम, बुखार और त्वचा के आ रहे हैं. इसके अलावा अस्थमा, हड्डी के मरीज आ रहे हैं. इमरजेंसी में 10 दिन के अंदर 20 प्रतिशत मरीज बढ़ गये हैं.

सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी

ठंड की वजह से ब्लड प्रेशर और सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ गयी है. वहीं शहर के आइजीआइएमएस और पटना एम्स में सीमित यानी कुल 50 मरीज देखे जाने की वजह से दिक्कत बढ़ने पर इन अस्पतालों की इमरजेंसी में मरीजों की संख्या अधिक हो गयी है.

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