दिल्ली साइबर क्राइम सेल ने 19 लाख फ्रॉड मामले में मुंगेर से एक शातिर को किया गिरफ्तार

गिरफ्तारी के बाद राजीव रंजन का मुंगेर सदर अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराया गया. जिसके बाद उसे उसे मुंगेर न्यायालय में उपस्थापन करा कर न्यायालय के आदेश से दिल्ली ले जाया गया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 16, 2022 8:23 PM

मुंगेर. दिल्ली साइबर क्राइम सेल की टीम ने धरहरा थाना क्षेत्र के मानगढ़ निवासी राजीव रंजन को गिरफ्तार किया. उसकी गिरफ्तारी 19 लाख रुपये फ्रॉड मामले में किया गया है. गिरफ्तारी के बाद उसका मुंगेर सदर अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराया गया. जिसके बाद उसे उसे मुंगेर न्यायालय में उपस्थापन करा कर न्यायालय के आदेश से दिल्ली ले जाया गया है.

सब इंस्पेक्टर कर्मवीर कुमार के नेतृत्व में आयी टीम

बताया जाता है कि सोमवार को दिल्ली साइबर क्राइम सेल के सब इंस्पेक्टर कर्मवीर कुमार के नेतृत्व में एक टीम मुंगेर पहुंची. टीम ने पुलिस अधीक्षक जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी को साइबर फ्रॉड कर 19 लाख रूपया निकासी करने के बारे में जानकारी दी. जिसके बाद टीम धरहरा थाना पहुंची, जहां धरहरा थानाध्यक्ष रोहित कुमार के सहयोग से मंगलवार को पूरा दिन उक्त साइबर फ्रॉड के बारे में तहकीकात किया गया.

घर पर छापेमारी कर किया गिरफ्तार

जब यह पुख्ता हो गया कि राजीव रंजन यही व्यक्ति है तो देर शाम पुलिस ने मानगढ़ स्थित उसके घर पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया. न्यायालय में उपस्थापन उपरांत उसे पुलिस टीम दिल्ली लेकर ट्रेन से रवाना हो गई. छापेमारी दल में दिल्ली साइबर क्राइम सेल के हेड कांस्टेबल दीपक कुमार, प्रणव कुमार सहित धरहरा थाना पुलिस शामिल थी.

खातों से निकासी की जांच में हुआ खुलासा

बताया जाता है कि दिल्ली के लोधी कॉलोनी निवासी व्यवसायी दिनेश कुमार ने 13 नवंबर 2021 को दिल्ली साइबर क्राइम सेल में एक शिकायत दर्ज कराया था. उन्होंने कहा कि इंडसइंड बैंक दिल्ली का वह उपभोक्ता है. उस बैंक के क्रेडिट कार्ड का कुछ परेशानी चल रही थी. इसके कारण उसने गुगल से उस बैंक के कस्टमर केयर का नंबर निकाल कर उस परेशानी को दूर करने के लिए कॉल किया.

झारखंड के जामताड़ा से है रिश्ता

कॉलर और उसके बीच बातचीत हुई और इसी बीच कॉलर ने उससे कई जानकारी लिया. जिसके बाद उसके खाते से 19 लाख रुपया निकासी हो गया. जब साइबर सेल ने जांच शुरू किया तो जिस पर कॉलर से बात हो रहा था वह झारखंड के जामताड़ा का था. दिल्ली पुलिस जामताड़ा पहुंची लेकिन कोई उपलब्धि हाथ नहीं लगी. लेकिन उसे यह पता चला कि जिस खाते पर राशि आयी और उस खाते से किस-किस खाते में राशि भेज कर निकासी की गयी थी. इसी क्रम में एक खाता धरहरा के राजीव रंजन का निकला. जिस पर 99 हजार रुपये की निकासी हुई थी. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

जमुई के सुनील ने खुलवा रखा है दो दर्जन से अधिक खाता

गिरफ्तार राजीव रंजन ने बताया कि उसका ननिहाल जमुई जिला है. वहीं पर सुनील कुमार से उसकी जान-पहचान हुई और सुनील ने उसे कहा कि विकलांग लोगों के लिए सरकार ने एक योजना लाया है. जिसके तहत 2000 रुपये प्रतिमाह विकलांग को दिया जायेगा. मैं भी हल्का विकलांग था और उसने मेरा खाता खुलवा लिया. लेकिन खाता और एटीएम कार्ड सुनील ने अपने पास रख लिया. उसने धरहरा एवं लखीसराय जिले के लगभग एक दर्जन दिव्यांगों का खाता खुलवा कर खाता व एटीएम अपने पास रख लिया है. बताया जाता है कि साइबर फ्रॉड कर ये लोग इसी खाते पर राशि मंगवा कर कुछ ही मिनटों में राशि निकासी कर लेता था.

16 दिनों में राजीव के खाते से 22 लाख की हुई है निकासी

गिरफ्तारी राजीव के बैंक खाता से 1 से 16 नवंबर 2021 के बीच कुल 22 लाख रुपयों की क्रेडिट एवं डेबिट हुआ है. 22 बार में उसके खाते से एटीएम एवं अन्य तरह से राशि की निकासी की गयी है. किसी प्रकार की जमा एवं निकासी होने पर मोबाइल पर सूचना आता है. उसके खाते से इतनी बड़ी राशि की जमा-निकासी हुई और उसे पता भी नहीं चला. यह कैसे संभव है.

राजीव रंजन साइबर फ्रॉड गिरोह का सदस्य

दिल्ली साइबर क्राइम सेल के पुलिस पदाधिकारियों ने बताया कि राजीव रंजन उसी साइबर फ्रॉड गिरोह का सदस्य है और उसके खाते से राशि निकासी पर एक तय राशि उसे दी जाती है. उसी तरह अन्य लोगों को लुभा कर उसके खाते पर लाखों रुपये के फ्रॉड कर डाले गये राशि की निकासी की जाती है.

कहते हैं अधिकारी

दिल्ली साइबर क्राइम सेल के सब इंस्पेक्टर कर्मवीर कुमार ने बताया कि साइबर फ्रॉड के मामले में धरहरा के मानगढ़ से राजीव रंजन को गिरफ्तार किया गया है. उसके खाते से 1 से 16 नंबर 2021 तक 22 लाख की निकासी की गयी. इस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली साइबर टीम छापेमारी कर रही है. उन्होंने आम लोगों से अपील की कि किसी भी परिस्थिति में अपना खाता, चेक अथवा एटीएम न तो किसी के पास छोड़े और न ही उस संबंध में किसी को जानकारी दे.

Next Article

Exit mobile version