साइकिल चलाकर सुर्खियों में आयीं ज्योति को मंत्रालय का ब्रांड एंबेसडर बनाने पर हो रहा है विचार

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने दरभंगा की ज्योति के कारनामे की हौसला अफजाई की है. साथ ही कहा है कि ज्योति को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का ब्रांड एंबेस्डर बनाने पर विचार किया जायेगा.

By Rajat Kumar | May 24, 2020 7:03 AM

पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने दरभंगा की ज्योति के कारनामे की हौसला अफजाई की है. साथ ही कहा है कि ज्योति को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का ब्रांड एंबेस्डर बनाने पर विचार किया जायेगा. सरकार इस पर जल्द ही निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि दरभंगा की रहने वाली ज्योति ने अपने बीमार पिता को लेकर गुरुग्राम से दरभंगा तक एक हजार 200 किमी की यात्रा साइकिल से तय करके एक इतिहास रच दिया है. विपरीत परिस्थिति में भी ज्योति के इस अदम्य साहस का परिचय देते हुए जो काम किया है, वह अद्भुत है. उसे देश के नौजवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि ज्योति की साइकिलिंग की इस अदभूत प्रतिभा को निखारने के लिए भारतीय साइकिलिंग महासंघ से भी अपील की गयी है. उन्होंने कहा कि उसकी प्रतिभा और संघर्षपूर्ण सफर की कहानी को आम युवाओं के लिए प्रेरणा के रूप में पेश की जायेगी.

गौरतलब है कि लॉकडाउन में दरभंगा की रहने वाली 15 वर्षीय ज्योति ने अपने घायत पिता को साइकिल पर बैठा कर गुरुग्राम, हरियाणा से 7 दिनों में दरभंगा तक 1200 किलोमीटर का सफर ​तय किया था. ज्योति के इस साहसिक कदम को देखते हुए भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ने उन्हें ट्रायल के लिए दिल्ली बुलाया है. न्यूज एंजेसी ANI से बात करते हुए ज्योति ने बताया कि मुझे साइकिल में रेस लगाने के लिए फोन आया, मैंने कहा कि मैं अभी तो रेस नहीं लगा सकती हूं क्योंकि मेरे पैर और हाथ सब दर्द कर रहे हैं. अब भारतीय साइकिलिंग फेडरेशन ने उन्हें एक महीने बाद ट्रायल के लिए आने को कहा है.

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने ज्योति की कहानी को अपने ट्वीटर अंकाउट से शेयर किया था. इवांका ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा था कि 15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता को साइकिल से सात दिनों में 1,200 किमी दूरी तय करके अपने गांव ले गयी. इवांका ने आगे लिखा कि यह भारतीयों की सहनशीलता और उनके अगाध प्रेम के भावना का परिचायक है और साइकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

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