बिहार के दरभंगा विवि में इफ्तार पार्टी पर बवाल तेज, ABVP ने वीसी दफ्तर के सामने किया सद्बुद्धि महायज्ञ

ABVP कार्यकर्ताओं ने कहा कि आज तक विश्विविद्यालय परिसर में इस तरह का आयोजन नहीं हुआ है, यहां तक कि सरस्वती पूजा का आयोजन भी नहीं कराया जाता है. अब ये नमाज और इफ्ताार का आयोजन क्यो?.

By Prabhat Khabar | May 2, 2022 7:26 AM

बिहार के दरभंगा में इफ्तार पार्टी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. दरभंगा में ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी कैपस में नमाज के साथ इफ्तार रखी गयी थी. इस बाता की जानकारी जैसे ही ABVP के कार्यकर्ताओं को हुई उन्होंने ने इसका विरोध शुरू कर दिया. ABVP के कार्यकर्ताओं का हंगामा देखकर विश्वविद्यालय प्रसाशन अलर्ट हो गया. इसके बाद ABVP कार्यकर्ताओं ने कुलपति और कुलसचिव के खिलाफ में सद्बुद्धि महायज्ञ किया.

ABVP ने किया सद्बुद्धि महायज्ञ

छात्रों ने मंत्रोच्चारण के साथ पहले हवन कुड में आहूति दी, इसके बाद कुलपति और कुलसचिव के खिलाफ में जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए गये. छात्रों का आरोप है कि युनिवर्सिटी का इस्लामीकरण किया जा रहा है. हम लोग इसका विरोध कर रहे है. छात्रों का कहना है कि शिक्षा स्थल पर धार्मिक आयोजन क्यों किया जा रहा है? इसी बात का विरोध किया जा रहा है.

ABVP कार्यकर्ताओं ने बतायी सोची समझी साजिश

विरोध प्रदर्शन में बीजेपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी ABVP को समर्थन दिया. सभी ने युनिवर्सिटी कैंपस में जमकर जय श्रीराम के नारे लगाए गये. इन संगठनों ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय परिसर में नमाज और इफ्तार होगा तो सरस्वती पूजा, दुर्गा पूजा भी मनाई जाएगी. नवरात्रि में फलहार भी होगा. कैंपस में हंगामा को बढ़ते देखकर विश्ववद्यालय प्रशासन अलर्ट हो गया. ABVP कार्यकर्ताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में इफ्तार का आयोजन करना एक सोची समझी साजिश है.

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भी इफ्तार पर हुआ था बवाल

ABVP कार्यकर्ताओं ने कहा कि आज तक विश्विविद्यालय परिसर में इस तरह का आयोजन नहीं हुआ है, यहां तक कि सरस्वती पूजा का आयोजन भी नहीं कराया जाता है. अब ये नमाज और इफ्ताार का आयोजन क्यो?. बता दें कि देशभर के कई विश्वविद्यालयों में इफ्तार पर बवाल देखने को मिल रहा है. इससे पहले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भी इफ्तार को लेकर बवाल हो गया था. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की नई परंपरा बताकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. महिला महाविद्यालय में इफ्तार का आयोजन किया गया था, जिसमें बीएचयू के वीसी और शिक्षक भी शामिल हुए थे. इसी बात पर नाराजगी जताते हुए छात्रों ने वीसी का पुतला फूंका था.

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