दरभंगा : निगम ने जैविक खाद बनाने के लिए खर्च किये 15 लाख, उत्पादन एक छटांक नहीं

दरभंगा : नगर निगम ने कचरा से जैविक खाद तैयार करने के लिए करीब 15 लाख रुपया खर्च कर 46 पीट का निर्माण कराया. एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी इससे एक छटांक जैविक खाद उत्पादन नहीं हो सका है.

By Prabhat Khabar | September 4, 2020 7:07 AM

दरभंगा : नगर निगम ने कचरा से जैविक खाद तैयार करने के लिए करीब 15 लाख रुपया खर्च कर 46 पीट का निर्माण कराया. एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी इससे एक छटांक जैविक खाद उत्पादन नहीं हो सका है.

उदघाटन के बाद कुछ नहीं हुआ

नगर भवन परिसर में 37 तथा नगर निगम परिसर में नौ पीट बनाये गये थे. शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2019 को अनुत्पादक रूप में इस तरह धरातल पर उतार दी गयी. शहरी क्षेत्र में स्वच्छ वातावरण व साफ-सुथरी व्यवस्था की मंशा से तैयार किया गया पीट उद्घाटन तक ही सिमट कर रह गया है. उत्पादन इकाइ परिसर के प्रवेश द्वार पर लगाये गये कचरा संग्रहण व प्रसंस्करण केंद्र का बोर्ड तक गायब हो गया है. परिसर में बाहरी लोगों का बेरोक-टोक आना-जाना लगा है. देखभाल के लिये रखे गये कर्मी कहीं नजर नहीं आते.

अपनाया जाना है यह तकनीक

इस पीट में गीला कचरा से जैविक खाद बनाया जाता. पीट में कचरा डालन के 45 दिन बाद खाद तैयार हो जाता. ठोस अपशिष्ठ प्रसंस्करण सुनिश्चित करने के लिये कई तरह के तकनीक अपनाये जाने थे. इसमें एरोबेटिक कंपोस्टिंग, वर्मी कंपोस्टिंग, मैकेनिकल कंपोस्टिंग, बायो मेथानेशन, वेस्ट टू इनर्जी आदि शामिल है.

क्या मिलता फायदा

जैविक खाद बनाकर बेचने से निगम को आंतरिक आय प्राप्त होता. कचरा के निष्पादन में सहूलियत होती. डोर-टू-डोर गीला व सूखा कचरा अलग-अलग संग्रह करने तथा सड़क पर जहां-तहां कचरा का फैलाव रोकने पर विराम लगता. कंपोस्ट कचरा निस्तारण व संधारण से शहर स्वच्छ होता. बता दें कि गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिये दो अलग-अलग रंग का डस्टबीन लोगों को उपलब्ध कराने का दावा निगम ने कर रखा है. इन डस्टबीन से वैसे कचरा संग्रह का काम नहीं हो रहा.

कोरोना के कारण हुई देरी

नगर प्रबंधक नागमणि सिंह ने कहा कि कोरोना, बाढ व उपकरण की अनुपलब्धता की वजह से देरी हुयी है. हाल ही में दो स्रेडिंग मशीन, गीला व सूखा कचरा संग्रह के लिये 50 टीपर व 141 ट्राइसाइकिल उपलब्ध हुआ है. जल्द ही खाइ निर्माण का कार्य शुरु कर दिया जायेगा.

posted by ashish jha

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