बागमती नदी के पूर्वी सुरक्षा बांध का निर्माण कार्य शुरू, वर्षों से झेल रहे बाढ़ के दंश से निजात की जगी आस

बागमती नदी किनारे पूर्वी सुरक्षा बांध निर्माण कार्य प्रारंभ होने से करकौली के ग्रामीणों में हर्ष है. वर्षों से बाढ़ का संकट झेल रहे लोगों को अब इससे निजात मिलने की आस जगी है.

By Prabhat Khabar | April 19, 2021 1:09 PM

दरभंगा. बागमती नदी किनारे पूर्वी सुरक्षा बांध निर्माण कार्य प्रारंभ होने से करकौली के ग्रामीणों में हर्ष है. वर्षों से बाढ़ का संकट झेल रहे लोगों को अब इससे निजात मिलने की आस जगी है. जल संसाधन विभाग की ओर से कटाव स्थल पर सखुआ व शीशम की लकड़ी से पाइलिंग कर बांध को मजबूत करने का कार्य जोर शोर से चल रहा है.

विभाग द्वारा मब्बी से म़ोहम्मदपुर व पिंडारुच तक नदी के दोनों ओर की सुरक्षा बांध को मिट्टी भड़ाई कर दुरुस्त किया जा रहा है. करकौली, लाधा, बिड़ने आदि जगहों के कटाव स्थल पर काम कराया जा रहा है. करकौली के लोगों का कहना है कि 40 वर्ष से बाढ़ की त्रासदी से नदी किनारे बसे आधा गांव उजड़ गया था.

लोग जहां-तहां जीवन व्यतीत कर रहे हैं. बेघर हुए ठक्को सहनी, किशोर सहनी, रामचंद्र सहनी, डोमू सहनी, वकील सहनी, रामकिशोर सहनी, जिम्मेवार सहनी समेत कई परिवार दूसरे जगह शरण ले लिया. वहीं वर्तमान में नीरो देवी, डोमू दास, नागो दास, रामविलास पासवान, इंदल पासवान, बीसो पासवान, हीरा पासवान समेत कई परिवार इसकी चपेट में हैं.

सुरक्षा बांध के दुरूस्त हो जाने से इन सभी को बाढ़ की समस्या से निजात मिल जायेगी. इधर, शीशो पूर्वी के मुखिया सुरेश दास ने बताया कि प्रत्येक साल बाढ़ आने पर सरकार को राहत व फसल क्षति के लिए करोड़ों रुपये का मुआवजा चुकाना पड़ता था, जो अब नहीं देना होगा. वहीं बांध बन जाने से अब बाजार समिति व दरभंगा शहर भी सुरक्षित हो जायेगी.

उन्होंने बताया कि इसके लिये वे पांच वर्षों से सोशल, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से समस्या उठाते हुए सरकार का ध्यान आकृष्ट करते रहे. उन्होंने समस्या का हल करने की सार्थक पहल पर सरकार व विभाग को धन्यवाद दिया.

उन्होंने पंचायत में बरसात के समय जलजमाव की जटिल समस्या का समाधान किये जाने की मांग सरकार से की. बताया कि शीशो डीह में पेट्रोल पंप के निकट एक स्लुइस गेट का निर्माण कर पानी का बहाव नदी में किया जा सकता है. इससे पांच पंचायतों को जलजमाव की समस्या से निजात मिल जायेगी.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version