दरभंगा में वर्षों से तैयार है 12 एपीएचसी, कोरोना की तीसरी लहर में भी नहीं खुला ताला, जानिये कारण

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्वास्थ्य विभाग से मान्यता दिलाते हुए चिकित्सक एवं अन्य चिकित्सा कर्मियों का पद सृजन कर पदस्थापना की जाए.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 12, 2022 12:32 PM

दरभंगा. एमएसडीपी (बहुद्देशीय क्षेत्रीय विकास) योजना के तहत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जिला में चार करोड़ 81 लाख 15 हजार की राशि से 12 एपीएचसी (अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र) का निर्माण वित्तीय वर्ष 2011-12 में तो पूरा कर लिया गया, पर इन केंद्रों का उपयोग नहीं किया जा रहा.

लगभग एक दशक से तैयार अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का भवन भूत बंगला बना हुआ है. इन भवनों को एपीएचसी की मान्यता स्वास्थ्य विभाग से नहीं मिल पाई है. इस वजह से इनमें चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की पदस्थापना भी नहीं हो पा रही है. परिणाम स्वरूप इन केंद्रों के पोषक क्षेत्र के लोगों को एपीएचसी का लाभ नहीं मिल पा रहा.

जमीन नहीं मिलने से तीन एपीएचसी का नहीं हो सका निर्माण

बता दें कि जिला में एमएसडीपी के तहत वित्तीय वर्ष 2011-12 में 15 एपीएचसी का निर्माण होना था. भूमि आवंटित नहीं होने की वजह से चार एपीसीएचसी का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है. इसमें बहादुरपुर प्रखंड के बांकीपुर, सिंहवाड़ा प्रखंड के सिमरी, केवटी प्रखंड के करजापट्टी एवं घनश्यामपुर प्रखंड के गलमा शामिल है. जबकि 12 चयनित स्थलों पर एपीएचसी का निर्माण वित्तीय वर्ष 2011-12 में पूर्ण हो चुका है.

इसमें सदर प्रखंड के रानीपुर, सिंहवाड़ा के कलिगांव, बहेड़ी के अटहर, बिठौली, जोरजा, जाले प्रखंड के मुरैठा, जोगियारा, मनीगाछी प्रखंड के राघोपुर, वाजिदपुर, बिरौल प्रखंड के उसरी, पोखराम शामिल है.

उधर, मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुमार चौधरी ने इस बाबत मुख्यमंत्री के नाम दरभंगा के डीएम राजीव रोशन को ज्ञापन सौंपा है. कहा है कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्वास्थ्य विभाग से मान्यता दिलाते हुए चिकित्सक एवं अन्य चिकित्सा कर्मियों का पद सृजन कर पदस्थापना की जाए.

डीएमडब्ल्यूओ रिजवान अहमद कहते हैं कि एमएसडीपी के तहत एपीएचसी के भवन निर्माण कर स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर कराना था, जो वित्तीय वर्ष 2011-12 में कर दिया गया. पोषक क्षेत्र के लोगों को इस केंद्र के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल सके, इसके लिए चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों का पद सृजन कर पदस्थापन, स्वास्थ्य विभाग का दायित्व है.

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