बिना पैसा जमा किये प्रत्याशी ने निगम से लिया नो-ड्यूज

वैधता पर सवाल. नो-ड्यूज लेने को जमा किया गया चेक बाउंस दरभंगा : वार्ड 42 से नगर निगम का चुनाव लड़ रही वार्ड 48 की निर्वतमान पार्षद रीता सिंह तकनीकी चक्कर में फंस गयी हैं. उन्होंने नामांकन से पहले निगम से नो-डयूज लिया था. नो-डयूज लेने से पहले उन्होंने होल्डिंग टेक्स तथा कबीर अंत्येष्टी योजना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 17, 2017 4:46 AM

वैधता पर सवाल. नो-ड्यूज लेने को जमा किया गया चेक बाउंस

दरभंगा : वार्ड 42 से नगर निगम का चुनाव लड़ रही वार्ड 48 की निर्वतमान पार्षद रीता सिंह तकनीकी चक्कर में फंस गयी हैं. उन्होंने नामांकन से पहले निगम से नो-डयूज लिया था. नो-डयूज लेने से पहले उन्होंने होल्डिंग टेक्स तथा कबीर अंत्येष्टी योजना मद की शेष राशि चेक के माध्यम से निगम में जमा की थी. रीता सिंह ने जो चेक निगम में जमा की थी, वह बाउंस कर गया है. रीता सिंह पर निगम कानून सम्मत कार्रवाई कर सकता है. उनके चुनाव लड़ने को लेकर भी सवाल खड़ा किया जा रहा है.
श्रीमती सिंह ने दो लाख 60 हजार रुपये का एसबीआइ का चेक निगम में जमा की थी. इसके बाद उन्हें नो- डयूज का सर्टिफिकेट मिला था. उनके खाते में इतनी राशि नहीं होने के कारण बैंक ने सोमवार को नगर निगम को चेक वापस कर दिया है़ मंगलवार को श्रीमती सिंह ने बकाया मद का दो लाख 60 हजार रूपया निगम में जमा कर दिया है. निवर्तमान पार्षद द्वारा खाते में पैसा नहीं रहने पर भी चेक जारी कर नो- डयूज ले लिये जाने को फर्जीवाड़ा बताया जा रहा है.
श्रीमति सिंह का कहना है कि कुछ निगम कर्मी व पार्षद उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे है़ं 63 हजार रुपये कबीर अंत्येष्टि मद का बकाया था. चेक जमा कर निगमकर्मी से कहा था कि चेक वापस कर पैसा घर आकर ले जाएं. उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमादार को जमा करना था. इससे उनका कोई लेना देना नहीं है. मेरा ही पैसा निगम पर निकलेगा़ निगम 2013 से बकाया बता रहा है, जबकि मेरे यहां कोई बकाया नहीं है़ लडके की शादी व चुनाव में व्यस्तता के कारण कार्यालय जाकर चेक वापस नही ले सकी. द्वेष भावना के तहत बैक में चेक जमा कर दिया गया. उधर, चेक बाउंस हो जाने की पुष्टि करते हुए नगर प्रबंधक नरोतम कुमार साम्राज्य ने कहा कि विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी़ वहीं निर्वाची पदाधिकारी विवेकानंद झा का कहना है कि किस हालात में निगम ने नो- डयूज जारी किया यह निगम ही जाने. कोई कार्रवाई निगम ही करेगा.

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