आरपीएफ जवान की सक्रियता से बची किशोर की जान

गश्त लगाते देख अपराधी ने मधुबनी स्टेशन पर बच्चे को फेंका बेहोश कर दिन में ही ले भागा था अपराधी दरभंगा : पुलिस अगर अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करे तो स्वत: कई वारदातों पर पानी फिर जायेगा. इसका ताजा नमूना आरपीएफ थाना क्षेत्र के दरभंगा-जयनगर रेल खंड अवस्थित मधुबनी स्टेशन पर देखने को मिला. आरपीएफ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2017 4:37 AM

गश्त लगाते देख अपराधी ने मधुबनी स्टेशन पर बच्चे को फेंका

बेहोश कर दिन में ही ले भागा था अपराधी
दरभंगा : पुलिस अगर अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करे तो स्वत: कई वारदातों पर पानी फिर जायेगा. इसका ताजा नमूना आरपीएफ थाना क्षेत्र के दरभंगा-जयनगर रेल खंड अवस्थित मधुबनी स्टेशन पर देखने को मिला. आरपीएफ के जवान विजय नारायण की सक्रियता से न केवल विभाग का नाम उंचा हुआ, बल्कि एक किशोर की जान भी बच गयी. जानकारी के अनुसार मधुबनी जिला के पंडौल थाना क्षेत्र के जमशम वार्ड-6 निवासी दुर्गानंद झा का 12 वर्षीय पुत्र प्रिंस कुमार झा गत 18 जनवरी को इसी जिला के रहिका थाना क्षेत्र के ककरौल निवासी अपने जीजा गोपाल झा के यहां गया.
वहीं गत 21 जनवरी को अपराह्न करीब 3.30 प्रखंड मुख्यालय से करीब एक किमी दूर एक किराना दुकान में मैगी खरीदने गया. सूत्रों के अनुसार जब वह दुकान के नजदीक पहुंचा कि एक बाइक पर करीब 25 वर्षीय युवक वहां पहुंचा. युवक उसके नजदीक पहुंचने के साथ ही उसकी नाक के सामने ताली बजायी. बतौर प्रिंस इसके बाद से बेहोशी सी महसूस होने लगी. इसके बाद उसके चेहरे को रूमाल पर ढक दिया और अपनी बाइक पर आगे बैठा लिया. इसके बाद प्रिंस को कुछ याद नहीं है.
इधर बीती देर शाम करीब 8.30 बजे विजय नारायण अपनी ड्यूटी के दौरान मधुबनी स्टेशन के बाहरी परिसर में गश्त लगा रहे थे. गेट संख्या-एक की ओर गश्त लगाते हुए बाहर सड़क किनारे तक चले गये. इसी दौरान वहां मौजूद ऑटो चालकों ने बताया कि एक बाइक सवार युवक ने एक बच्चे को यहां फेंक दिया है और भाग गया. वहां पहुंचकर विजय ने बच्चे को बेहोशी की हालत में उठा, आरपीएफ आउट पोस्ट ले गये. काफी मशक्कत के बाद उसे होश आया. इसके बाद उसने सारी कहानी बतायी. तत्काल प्रिंस के परिजन को सूचना दी गयी. वे लोग पहुंचे और बच्चे को सकुशल पा खुशी से झूम उठे. कयास लगाया जा रहा है कि विजय को गश्त लगाते हुए अपनी ओर आते देख संभवत: अपराधी ने पकड़े जाने के भय से उसे वहीं फेंक खुद फरार हो गया. अपराधी की मंशा क्या थी यह तो उसके पकड़ में आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा, लेकिन इतना तय है कि विजय की सक्रियता ने किशोर की जान बचा ली.

Next Article

Exit mobile version