दरभंगाः डीएमसीएच की नर्सो ने सुरक्षा, सुविधा व सम्मान की लड़ाई तेज कर दी है. इसको लेकर दो दिनों से धरना पर बैठी परिचारिकायें मंगलवार को प्रशासन के खिलाफ उग्र तेवर में आ गयी. अधीक्षक कार्यालय में ताला जड़ दिया. जमकर नारेबाजी की. विरोध के स्वर मुखर करते हुए परिचारिका संघ के बैनर तले साफ शब्दों में चेतावनी दी कि जब तक छह नर्सो का निलंबन वापस नहीं होगा आंदोलन का स्वर नहीं थमेगा. इससे दिन भर पूरा डीएमसीएच परिसर पुलिस की निगहबानी में रही. पुलिस जीप पर परिचाकारिका संघ की पदाधिकारियों को वार्ता के लिए प्राचार्य कार्यालय ले जाते देख कई कयास लगते रहे.
होगा विरोध
संघ की मंत्री विजय लक्ष्मी का कहना था कि उनकी मांगों की पूर्ति करने में प्रशासन की नीति स्पष्ट नहीं है. मनमाने तरीके से नियम को ताक पर रख दिया गया है. मुंह देखी कर छह अनुबंध पर कार्यरत नर्सो की नौकरी छीन ली गयी है. बरसों से खाली पड़े नर्सेस क्वार्टर अनैतिक कार्य का अड्डा बना है. प्रशासन को बार-बार सूचना देने व उन्हीं की सहमति पर उस छात्रवास में रह रही परिचारिकाओं पर अब कार्रवाई हो रही है. इसे सहन नहीं करेंगे.
हो कमरे का आवंटन
धरना पर बैठी नर्सो विमला कुमारी, सिन्धु कुमारी, भारती कुमारी, संजू कुमारी, रंजू कुमारी, कविता कुमारी, वीणा कुमारी, माण्डवी, शशिबाला, प्रीति, अंजली, सुधा, आशा, मीना ने कहा कि उनके नाम पर नर्सेस क्वार्टर में कमरे का आवंटन हो. सभा में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में प्रशासन की गलत नीति का विरोध करते कहा कि हम मांगों को लेकर एकजुट हैं. जरूरत पड़ी तो स्वास्थ्य सचिव समेत मुख्यमंत्री से भी मिलकर समस्याओं को रखेंगे.
संघों का मिल रहा समर्थन
डीएमसी के तमाम संगठन का सहयोग परिचारिकाओं को मिल रहा है. इससे आंदोलन में ताकत आ गयी है. समर्थन में उतरे गोपगुट व योगेंद्र गुट के राज्याध्यक्ष महेंद्र राय, मंत्री संतोष कुमार उर्फ गुड्डू पासवान, मंत्री मनोज कुमार मंडल, प्रकाश कुमार राय, दिलीप राम, अनिल राम, जीतू, राकेश यादव, मो इमरान, चंदन सिंह, योगेंद्र राम, अवध नाथ झा ने नर्सो के साथ नाइंसाफी को दुखद बताते हुए सम्मानजनक वार्ता पर जोर दिया. वहीं छह नर्सो के अनुबंध को वापस लेने, वार्डो में नर्सो के लिए शौचालय की व्यवस्था करने, समुचित सुरक्षा देने की मांगों को जायज ठहराया.