सरकारी दवा की कालाबाजारी का खुलासा, दो गिरफ्तार

दरभंगा : आरपीएफ ने सरकारी दवा की कालाबजारी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है. भारी मात्रा में दवा बरामद करने के साथ दो सप्लायर को गिरफ्तार किया है. कागजी कार्रवाई के बाद मामले जयनगर जीआरपी के सुपुर्द कर दिया गया. गिरफ्तार सप्लायरों में दरभंगा नगर थाना क्षेत्र के मुफ्ती मुहल्ला सरकारी दवा की… […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 1, 2016 6:53 AM

दरभंगा : आरपीएफ ने सरकारी दवा की कालाबजारी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है. भारी मात्रा में दवा बरामद करने के साथ दो सप्लायर को गिरफ्तार किया है. कागजी कार्रवाई के बाद मामले जयनगर जीआरपी के सुपुर्द कर दिया गया. गिरफ्तार सप्लायरों में दरभंगा नगर थाना क्षेत्र के मुफ्ती मुहल्ला

सरकारी दवा की…
निवासी स्व. कपलेश्वर प्रसाद के पुत्र राजकुमार गुप्ता व जयनगर यूनियन टोलावासी रामेश्वर साह के पुत्र संतोष कुमार शामिल हैं. इनके पास से 20 कार्टन में रखा 480 वायल इंजेक्शन बरामद किया गया. जानकारी के अनुसार, 30 अगस्त को हावड़ा से जयनगर गयी धुरियान सवारी गाड़ी की जांच में आरपीएफ के दिलीप मंडल ने अधिक सामान के साथ राजकुमार को उतरते देखा. इस संबंध में पूछे जाने पर राजकुमार ने दवा होने की बात कही.
जब खोलकर देखा, तो सरकारी दवा निकली. उसमें सिफ्रियान नामक सूई रखी थी. दिसंबर 2017 में एक्सपायर होनेवाली इस दवा पर बैच नंबर सीएक्सएल 38 अंकित है. दवा सुपरमैक्स ड्रग्स एंड फारमाक्यूटिकल्स प्रालि कंपनी द्वारा निर्मित है. यह कंपनी नरेला दिल्ली की है. आरपीएफ इंस्पेक्टर अजय प्रकाश ने बताया कि पूछताछ में सप्लायर ने बताया कि डीएमसीएच में पूर्व में पदस्थापित बाकरगंज निवासी रघुवीर भगत से उसने यह दवा खरीदी है.
एक वाइल के लिए उससे सात रुपये लिए गये. राजकुमार जयनगर के संतोष के हाथ दवा बेचने पहुंचा था. उसने बताया कि पिछले 12 साल से वह इस कारोबार से जुड़ा हुआ है. छह माह पूर्व भी उसने जयनगर में सरकारी दवा बेची थी. उसे रघुवीर भगत ही इस तरह की दवा की सप्लाई देता है. इस तरह की दवाओं को ग्रामीण झोला छाप डॉक्टर खपाते हैं.
डीएमसीएच प्रशासन ने शुरू की जांच
जयनगर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने पकड़ा
सवारी गाड़ी से जयनगर में बेचने ले गये थे दवा
एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन की 480 वाइल बरामद
गिरफ्तार सप्लायरों में एक दरभंगा व दूसरा जयनगर का
जैसे ही मामला संज्ञान में आया, हमने तत्काल जांच शुरू कर दी है. दवा पर अंकित बैच नंबर से यहां की दवा का मिलान किया जा रहा है. जल्द सच्चाई सामने आयेगी.
डॉ संतोष कुमार मिश्र, अधीक्षक डीएमसीएच

Next Article

Exit mobile version