दो संघों के बीच शीतयुद्ध
Advertisement
डीएमसीएच. दो संघों के बीच कूदे छात्र समागम
दो संघों के बीच शीतयुद्ध डीएमसीएच के दो संघों के बीच शीतयुद्ध जारी है. इधर इन दो संघों की लड़ाई मेंं स्टाफ नर्स पिस रहें हैं. इस समस्या को लेकर जदयू के छात्र समागम के पांच सदस्यीय टीम शनिवार को डीएमसीएच के न्यू नर्सेस होस्टल पर पहुंची. पिस रही स्टाफ नर्स छात्र जदयू की पांच […]
डीएमसीएच के दो संघों के बीच शीतयुद्ध जारी है. इधर इन दो संघों की लड़ाई मेंं स्टाफ नर्स पिस रहें हैं. इस समस्या को लेकर जदयू के छात्र समागम के पांच सदस्यीय टीम शनिवार को डीएमसीएच के न्यू नर्सेस होस्टल पर पहुंची.
पिस रही स्टाफ नर्स
छात्र जदयू की पांच सदस्यीय टीम ने न्यू नर्सेस होस्टल का
लिया जायजा
दरभंगा :पांच सदस्यीय टीम को न्यू नर्सेस होस्टल क ी स्टाफ नर्स ने बताया कि वे लोग दो वर्षों से इस छात्रावास में रह रहे हैं. पहले यह छात्रावास विरान व लावारिश था. वार्डों में रात की ड्यूटी और कहीं आवास नहंीं मिलने को लेकर वे सब इस होस्टल में रहना शुरु कर दी. एक संघ के अधिकारी ने अधीक्षक को आवास आवंटन नहीं करने को लेकर दबाव बनाते रहे. इसी बीच अस्पताल अधीक्षक ने 12 मार्च को उनके नामों से आवास आवंटन का पत्र जारी कर दिया.
इसको लेकर एक संघ के अधिकारियों ने इस होस्टल से स्टाफ नर्सों को निकालने का दबाव बनाते रहे. स्टाफ नर्सों ने बतायी कि मेन हॉस्टल में 61 कमरें हैं. वहां रहनेवाली 22 नर्स हैं. यही हालात सिस्टर क्वार्टर की है जहां 15 रुम एक किचन, एक मैट्रन क्वार्टर एवं एक विजिटिंग रुम है. जिसमें मात्र 3 स्टाफ नर्स रहती है. उधर छात्रावास मेे ं 22 कमरे हैं, उसमें रहनेवाली मात्र 9 स्टाफ नर्स है. यही स्थिति मुस्लिम हॉस्टल की है जहां मात्र 4 स्टाफ नर्स रह रही है. लेकिन ऐसे छात्रावास क्वार्टर्स पर किसी की नजर नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्री को प्रदेश उपाध्यक्ष ने पत्र भेजा
समागम के पांच सदस्यीय टीम ने स्टाफ नर्सों के वक्तव्य को कलमबद्ध किया और छात्र समागम बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. मो. कलाम ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेजा है. जिसमें कहा गया है कि इस मामले पर अविलंब कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की धमकी दी है. उधर बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ जिला शाखा के जिला सचिव अनिल कुमार सिंह ने डीएमसीएच के अस्पताल अधीक्षक पर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया है, जिसमेंे कहा गया है कि हाईकोर्ट ने स्टाफ नर्स क्वार्टर्स को अवैध कब्जा से मुक्त कराया जाये. उन्होंने कहा है कि 17 मार्च को उच्च न्यायालय ने अस्पताल अधीक्षक के कारनामों को उजागर किया है और अधीक्षक को सलाह दिया है कि अवैध कब्जा से नर्सेस आवास को खाली कराकर नर्स को वरीयता के आधार पर आवास आवंटन कराया जाये. आवास आवंटन में भेदभाव नही हो. इसके अलावा आवास आवंटन के लिए सामूहिक रुप से सभी से आवेदन आमंत्रित किया जाये. इसकी तिथि भी तय हो. वरीयता को नजरअंदाज नहीं करने की भी मांग की गयी है.
दूसरी ओर बिहार चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य परिचारिका संघ गोप गुट क ी विजय लक्ष्मी ने डीएमसीएच शाखा की ओर से जारी प्रेस बयान मेंे कहा गया है कि एक संघ ने साजिश के तहत आवंटित आवास को अवैध कब्जा बता रहा है. जबकि अस्पताल अधीक्षक ने ऐसे स्टाफ नर्सों को 12 मार्च को विधिवत आवास आवंटित कर दिया था. उधर हाईकोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उनके आदेश में कहीं भी न्यू नर्सेस होस्टल को खाली करने का आदेश पारित नहीं किया गया है. इस संघ की मांग है कि न्यू नर्सेस होस्टल में पूर्व की ही तरह स्टाफ नर्सों को आवंटित आवास में ही रहने दिया जाये.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement