निर्दोष बचा, दोषी को मिली सजा
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दूल्हा हत्याकांड . निष्पक्ष वैज्ञानिक अनुसंधान से पुिलस को मिली सफलता
निर्दोष बचा, दोषी को मिली सजा दरभंगा : किसी भी केस के तह तक जाकर घटना की सच्चाई उजागर करने में अनुसंधानक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अनुसंधानक की सूझबूझ एवं इमानदारीपूर्वक किये जाने वाले प्रयास से अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो कानून की पकड़ से बच नहीं पाता. वहीं निर्दोष को न्याय […]
दरभंगा : किसी भी केस के तह तक जाकर घटना की सच्चाई उजागर करने में अनुसंधानक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अनुसंधानक की सूझबूझ एवं इमानदारीपूर्वक किये जाने वाले प्रयास से अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो कानून की पकड़ से बच नहीं पाता. वहीं निर्दोष को न्याय मिल जाता है.
वह बाइज्जत रिहा हो पाता है. कुछ इसी तरह का एक ताजा मामला सामने आया जिसमें अनुसंधानक ने अपनी समझ का परिचय देते हुए निर्दोष को सजा से बचा लिया. वहीं अप्राथमिकी अभियुक्त रहने के बाद भी दोषी को आजीवन कारावास की सजा दिलाने में सफल रहा. जी हां हम बात कर रहे हैं सिंघिया थाना के अंगरैल में घटित जिले के चर्चित दूल्हा हत्याकांड की. इस कांड में अनुसंधानक ने अगर ईमानदारी पूर्वक प्रयास नहीं किया होता तो कई निर्दोष इस कांड के चपेट मेंं आ जाते वहीं अप्राथमिकी अभियुक्त भीखर यादव को आजीवन कारावास की सजा नहीं हो पाती.
यह था मामला
तीन वर्ष पूर्व 18 जनवरी 2013 को रंजीत यादव का शादी समारोह था. बारात बैंड बाजे के साथ वधु पक्ष के घर पहंुचा. जयमाला की रस्म हो रही थी. इसी दौरान गोली चलती है. एक गोली दूल्हे को लगी. तत्काल उसकी मौत हो गयी. चारों ओर अफरातफरी एवं दहशत का माहौल व्याप्त हो गया. इसके बाद मृतक के चाचा के बयान पर द्रवेश्वर प्रसाद यादव, जयक ांत यादव, मुक्ति यादव, धूपनारायण यादव एवं मनोज यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाया गया. वहीं मृतक की होनेवाली पत्नी प्रियंका कुमारी द्वारा गांव के ही रामचंदर यादव के पुत्र जितेंद्र यादव के द्वारा गोली मारने की बात बतायी गयी. पुलिसिया अनुसंधान में यह बात सामने आयी कि प्राथमिकी अभियुक्त द्रवेश्वर यादव पूर्व मुखिया तथा वर्त्तमान मुखिया रामनारायण यादव का पूर्व से जमीनी विवाद चल रहा था. पूर्व मुखिया तथा उनके गुट के लोग शादी में उपस्थित थे. दोनों गुट के लोग एक दूसरे पर हत्या क ी साजिश का आरोप लगा रहे थे.
सूझबूझ से धराया
तत्कालीन डीएसपी दिलनवाज अहमद ने कांड की विशेष जांच कर सर्वप्रथम विवाह की सीडी का सुक्ष्मता से अवलोकन किया. इससे इस कांड के नामजद अभियुक्त मनोज यादव की आवाज सीडी में पायी गयी. वहीं सजायाफ्ता भीखर यादव की भी संदिग्ध गतिविधि देखी गयी. पुलिस के गुप्तचर भी इन्हीं दोनों द्वारा गोली चलाने की बात बता रहे थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के दाहिने कनपट्टीमें गोली लगने की बात बतायी गयी.
इससे से मृतक की होनवाली पत्नी द्वारा पीछे से जितेंद्र यादव द्वारा गोली मारने की बात की पुष्टि नहीं हो सकी. इसी दौरान मनोज व भीखर फरार हो गया. गुप्त सूचना के आधार पर भीखर को दरभंगा से हिरासत में लिया गया. उसने अपना अपराध स्वीकार किया. उसने बताया कि वधु के पिता से उसकी गहरी मित्रता थी.
शादी ठीक करवाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. बारात आने से पहले उसने शराब पी लिया. खुशी में उसने दो फायरिंग कर दी. एक गोली तो हवा में चला गया. दूसरी गोली गलती से नशे के झोंके में दूल्हा को लग गया. इनकी निशानदेही पर उनके आवासीय परिसर से हथियार बरामद कर लिया गया.
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