दरभंगा : राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के नोडल अधिकारी डाॅ ए सत्तार ने किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा है कि किसान सब्जियों की बोआई शुरू करें. भिंडी, कद्दू, कदीमा, नेनुआ व खीरा सब्जियों की बोआई आरम्भ कर देनी चाहिए. बोआई के समय मिट्टी में उपयुक्त नमी का रहना अति आवश्यक है. बढ़ते तापमान को देखते हुए सब्जियों की लगी हुई फसल में सिंचाई करें.
आलू के अगात प्रभेद की तैयार फसल की खुदाई करें. बीज वाली आलू की फसल की उपरी लती को काट दें. अगात बोयी गयी तैयार सरसों फसल की कटाई कर सकतें है. पिछात बोयी गयी सरसों की फसल में लाही कीड़ों के प्रकोप का अनुकूल समय चल रहा है. इससे बचाव के लिए डाईमेथोएट 30 ईसी दवा का 1मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल कर छिड़काव करें. आम के बागों में मंजर आने की प्रकिया आरम्भ हो रही है.
इसलिए पौधों, वृक्षों का पहला छिड़काव कार्बारिल सेविनद्घ दवा का 2 ग्राम अथवा डाईमेथोएट दवा का 1 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर करें. प्याज की फसल में थ्रिप्स कीट की निगरानी करें. थ्रीप्स की संख्या अधिक पाये जाने पर प्रोफेनोफॉस 50 ईसी दवा का 1 मिली प्रति लीटर पानी या इम्डिाक्लोप्रिड दवा का 1 मिली प्रति 4 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें. अच्छे परिणाम के लिए चिपकाने वाला पदार्थ जैसे टीपोल 1मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल में मिलावें. प्याज की फसल में 10 से 12 दिनों पर लगातार सिंचाई करें.
रबी मक्का की फसल जिसमें धनबाल एवं मोचा आ गया हो, में सिंचाई कर 50 किलोग्राम नेत्रजन प्रति हेक्टेयर की दर से उपरिवेशन करें. समय से बोयी गयी गेहूं की फसल जो गाभा की अवस्था में आ गया हो उसमें सिंचाई कर 30 किलोग्राम नेत्रजन प्रति हेक्टेयर की दर से उपरिवेशन करें.