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दुकानदारों का आशापुर टावर पर कब्जा
फुटपाथी कारोबारियों के अतिक्रमण से लोगों को पैदल भी चलना मुश्किल बेनीपुर : नगर परिषद के हृदयस्थली माने जाने वाले आशापुर चौक पर बने ऐतिहासिक स्वर्ण जयंती स्तंभ (टावर) को स्थानीय फुटपाथ व्यापारी द्वारा इस कदर अतिक्रमण कर लिया है कि जहां उसकी स्थापना के मूल उद्देश्य समाप्त होता जा रहा है. वहीं टावर के […]
फुटपाथी कारोबारियों के अतिक्रमण से लोगों को पैदल भी चलना मुश्किल
बेनीपुर : नगर परिषद के हृदयस्थली माने जाने वाले आशापुर चौक पर बने ऐतिहासिक स्वर्ण जयंती स्तंभ (टावर) को स्थानीय फुटपाथ व्यापारी द्वारा इस कदर अतिक्रमण कर लिया है कि जहां उसकी स्थापना के मूल उद्देश्य समाप्त होता जा रहा है.
वहीं टावर के चारों ओर सड़क पर अवैध रूप से सब्जी एवं मछली विक्रेताओं द्वारा दुकान लगा दिया जाता है कि लोगों को पांव पैदल भी चलना मुश्किल हो रहा है. वर्ष 1999 में पूर्व युवा कार्य कला संस्कृति मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने अपने ऐच्छिक कोष से 10 लाख की लागत से इस ऐतिहासिक टावर का निर्माण करवाया था. उसके उपर बेसकीमती विदेशी घड़ी लगवाया गया. वह आज लोगों के लिए मुसीबत साबित होने लगा है. उक्त टावर चौक से बहेड़ा, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा, आशापुर गांव एवं रघुनंदनपुर की ओर सड़कें जाती हैं.
इन सभी सड़कों को धीरे-धीरे लोग अतिक्रमण कर रखा है. जिसके कारण दिनभर यहां इस कदर जाम लगा रहता है कि राहगीर या अधिकारी किसी की निगाहें इस टावर की ओर नहीं पड़ती और न ही कोई इसे अतिक्रमणमुक्त कराने की दिशा में पहल करते हें.
चारों ओर व्यापारी और उसके आगे रिक्शा चालक दिनभर रिक्शा लगाकर यात्री की प्रतीक्षा करते रहते हैं. एक-दो बार स्थानीय नगर एवं अनुमंडल प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त जरूर करवाया पर प्रशासन की गाड़ी हटते ही पुन: जस की तस स्थिति बन गयी. मजे की बात तो यह है कि तीन लाख 90 हजार रुपये की लागत से घड़ी जो टावर के उपर चारों ओर लगा हुआ है, जिसमें वर्षों से नौ बज रहा है. इसे भी देखने वाला शायद कोई नहीं है.
इतना ही नहीं सरकार के आदेश को अंगूठा दिखाते हुए यहां दर्जनों मांस एवं मुर्गा विक्रेता खुले में मांस बेच रहे हैं. इसे खाने के लिए दिनभर अवारा कुत्ताें का जमावड़ा लगा रहता है. कई स्थानीय लोगों ने कहा कि नगर एवं अनुमंडल प्रशासन की उदासीनता के कारण यहां दिनभर जाम का नजारा लगा रहता है. इतना ही नहीं देखा-देखी में इसमें इजाफा ही हो रहा है.
इस संबंध में पूछने पर कार्यपालक अधिकारी नगर अब्दुल हामीद ने कहा कि यह एक अहम समस्या बनता जा रहा है. एक बार हटा दिया गया था पर पुन: लगा दिया गया. शीघ्र इसे खाली करवाया जायेगा और उसके बाद दुकान लगाने वालों पर एफआइआर दर्ज किया जायेगा. रही घड़ी मरम्मति की बात तो वह बहुत पुरानी घड़ी है. इसका भी मिस्त्री का तलाश जारी है.
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