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जिनगी कोना बचत, चिंता में रहै छी

/रफोटो-19 से 22 परिचय- नाम से स्थानीय लोगों की तस्वीर सदर. सदिखन डर लागल रहैत अछि. जिनगी कोना बचत एहि लेल चिंता में डूबल रहै छी. 23 दिनों से क्षेत्र में बार बार आ रही भूकंप के झटके से लोगों के मन में भय समा चुका है. इस कारण लोग हर समय दहशत में जीने […]

/रफोटो-19 से 22 परिचय- नाम से स्थानीय लोगों की तस्वीर सदर. सदिखन डर लागल रहैत अछि. जिनगी कोना बचत एहि लेल चिंता में डूबल रहै छी. 23 दिनों से क्षेत्र में बार बार आ रही भूकंप के झटके से लोगों के मन में भय समा चुका है. इस कारण लोग हर समय दहशत में जीने को मजबूर हैं. जो अब यह एक नयी बीमारी का रुप लेता जा रहा है. लोगों का कहना है कि हमेशा उन्हें सिर चकराता रहता है. उन्हें चक्कर जैसा अनुभूति होता रहता है. प्रकृ ति का खौफ लोगों के समक्ष से पड़े है. कब क्या होगा कहना मुश्किल है. पेशे से शिक्षिका कुमारी अनुपम कहती हैं रात में नींद नहीं आती है. सुबह से शाम तक थकान सा महसूस होता है. बच्चे की पढ़ाई चौपट हो गयी है. शनिवार की शाम भूकंप के समय वे बाजार में खरीदारी कर रही थी. झटका आने पर खरीदा सामान भी लेने का मौका नहीं मिला. बच्चे का हाल जानने किसी तरह भागकर घर पहुंचे. गृहिणी किरण पूर्वे का स्वास्थ्य भूकंप के कारण खराब हो गया है. वो कहती है उनका शरीर 24 घंटा नाचता रहता है. भय के कारण सोना हराम हो गया है. हमेशा बच्चे की चिंता सताती रहती है.कपड़ा व्यवसायी संजीव कुमार चौधरी कहते हैं कि उनका कपड़े का व्यापार चौपट हो गया. भय के कारण वे रात भर नहीं सो पाते हैं. उन्हें हर समय भूकंप का झटका महसूस होता रहता है. यह एक बीमारी का रुप लेता जा रहा है. इससे काफी लोग प्रभावित है. दर्जी मास्टर अली इमाम कहते हैं कि इससे पहले भी वे भूकंप देखा है, लेकिन ऐसा नहीं जो बार बार आता है. लोग परेशान हैं. इनका हाल रोजगार भी चौपट हो चुका है.

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