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न्यायादेश का अनुपालन नहीं हुआ तो 16 को धरना
दरभंगा : उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन यदि 15 अप्रैल तक नहीं किया गया तो 16 अप्रैल को विवि स्थित धरनास्थल पर धरना दिया जायेगा.सीनेट सदस्य सह सीएम साइंस कॉलेज के रसायन शिक्षक डा. अशोक कुमार झा ने गुरुवार को कुलपति डा. साकेत कुशवाहा को सौंपे ज्ञापन में यह बात कही है. उन्होंने ज्ञापन […]
दरभंगा : उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन यदि 15 अप्रैल तक नहीं किया गया तो 16 अप्रैल को विवि स्थित धरनास्थल पर धरना दिया जायेगा.सीनेट सदस्य सह सीएम साइंस कॉलेज के रसायन शिक्षक डा. अशोक कुमार झा ने गुरुवार को कुलपति डा. साकेत कुशवाहा को सौंपे ज्ञापन में यह बात कही है.
उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि उच्च न्यायालय ने सीडब्ल्यूजेसी संख्या 21776/14, 22146/14 एवं 2048/15 में वैसा ही आदेश निर्गत किया है जैसा सीडब्ल्यूजेसी संख्या 22145/14 में दिया गया है. विश्वविद्यालय ने छह अप्रैल को सीडब्ल्यूजेसी संख्या 22145/14 के आदेश का अनुपालन करते हुए अधिसूचना जारी कर दी.
वहीं अन्य तीन मामलों में पारित न्यायादेश का अनुपालन अभी तक नहीं किया गया है. डा. झा ने ज्ञापन में कहा है कि यह दुर्भावनापूर्ण एवं व्यक्तिगत द्वेष की ओर इंगित करता है.
डा. झा ने न्याय में एकरुपता के लिए तीनों मामलों में पारित न्यायादेश का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए 15 अप्रैल तक अधिसूचना जारी करने की मांग करते हुए कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो 16 अप्रैल को धरना दिया जायेगा. जिसकी जवाबदेही विवि प्रशासन की होगी.
बता दें कि सीडब्ल्यूजेसी संख्या 22145/14 का संबंध डा. डीसी चौधरी से जुड़ा है. इस मामले में राजभवन के हस्तक्षेप के बाद विवि प्रशासन ने छह अप्रैल को डा. डीसी चौधरी को पूर्व की भांति एमएलएसएम कॉलेज के प्रधानाचार्य का पदभार संभालने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी. वहीं महाविद्यालय के छह शिक्षकों के प्रतिनियोजन संबंधी विवि की अधिसूचना के विरुद्ध उन छह शिक्षकों में शामिल सीएम कॉलेज के डा. नारायण झा ने सीडब्ल्यूजेसी 21776/14 एवं सीएम साइंस कॉलेज के डा. अशोक कुमार झा ने सीडब्ल्यूजेसी 22146/14 उच्च न्यायालय में दायर की थी. सुनवाई के बाद न्यायालय ने विवि की उस अधिसूचना को भी क्वैश कर दिया.
इधर छह पीजी शिक्षकों के प्रतिनियोजन संबंधी विवि की अधिसूचना के विरुद्ध पीजी रसायन विभाग में डा. सुशील झा की ओर से दायर सीडब्ल्यूजेसी 2048/15 की सुनवाई के बाद न्यायालय ने विवि की इस अधिसूचना को भी क्वैश कर दिया. इधर डा. डीसी चौधरी के मामले में राजभवन से फटकार के बाद विवि प्रशासन ने छह अप्रैल को न्यायादेश के आलोक में अधिसूचना जारी कर दी. वहीं इन तीन मामलों में अभी तक विवि प्रशासन मौन धारण किये हुए है.
विवि सूत्रों की माने तो यह चर्चा जोरों पर है कि जब विवि की दोनों अधिसूचना को न्यायालय ने क्वैश कर दिया है तो क्या इन अधिसूचनाओं में शामिल छह महाविद्यालय शिक्षकों एवं छह पीजी शिक्षकों के प्रतिनियोजन को रद्द करने संबंधी अधिसूचना विवि प्रशासन कब जारी करेगा. कही इसके लिये भी विवि प्रशासन को राजभवन के क ड़े पत्र का इंतजार तो नहीं.
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