संस्कृत विवि के 22 प्रधानाचार्य बर्खास्त

दरभंगा : उच्च न्यायालय ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 कमीशंड प्रिंसिपल की सेवा समाप्त करने का फैसला मंगलवार को सुनाया है. इसमें से 20 प्रधानाचार्य कार्यरत हैं तथा दो सेवानिवृत्त हो चुके हैं. न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की अदालत ने यह फैसला सीडब्ल्यूजेसी नं. 7039/2011 में सुनाया है. डॉ रमेश कुमार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 25, 2019 12:59 AM

दरभंगा : उच्च न्यायालय ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 कमीशंड प्रिंसिपल की सेवा समाप्त करने का फैसला मंगलवार को सुनाया है. इसमें से 20 प्रधानाचार्य कार्यरत हैं तथा दो सेवानिवृत्त हो चुके हैं. न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की अदालत ने यह फैसला सीडब्ल्यूजेसी नं. 7039/2011 में सुनाया है. डॉ रमेश कुमार झा एवं अन्य ने राज्य सरकार एवं अन्य के खिलाफ वर्ष 2011 में वाद दायर किया था.

आवेदक ने प्रधानाचार्य नियुक्ति प्रक्रिया में बरती गयी अनियमितता एवं गैर अर्हताधारी अभ्यर्थियों को नियुक्त किए जाने का साक्ष्य न्यायालय को देते हुए न्याय की गुहार लगायी थी. पीड़ित पक्ष ने समरेंद्र कुमार सुधांशु द्वारा सूचना का अधिकार के तहत उपलब्ध कराये गये साक्ष्य, विधान परिषद की 11 सदस्यीय जांच कमेटी द्वारा मामले की जांच के बाद नियुक्ति को विखंडित करने की अनुशंसा का प्रतिवेदन, कुलाधिपति के निर्देश पर पूर्व कुलपति डॉ रामचंद्र झा द्वारा नियुक्ति विखंडन की अनुशंसा के साथ समर्पित जांच प्रतिवेदन आदि अधिवक्ता संजीव कुमार झा के माध्यम से कोर्ट में दिया था.
कोर्ट ने प्राप्त साक्ष्य सहित पूर्व कुलपति डॉ अर्कनाथ चौधरी की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय जांच समिति द्वारा की गयी नियुक्ति विखंडन की अनुशंसा से संबंधित रिपोर्ट को आधार मानते हुए यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इन प्रधानाचार्य की नियुक्ति 18 मई 2009 को तत्कालीन कुलपति डॉ नंदकिशोर शर्मा के कार्यकाल में हुई थी.

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