मिल्की व सिपौलिया में टूटा खिरोई नदी का तटबंध, दर्जनों गांवों में फैला पानी

सिपौलिया में सजग ग्रामीणों ने दिखायी तत्परता, रात में बांध की मरम्मत कर बचा लिया पूरे गांव को कमतौल : अधवारा समूह की खिरोई नदी का पश्चिमी तटबंध मस्सा पंचायत के सिपौलिया के समीप सोमवार की देर रात करीब 11 बजे और ढढ़िया-बेलबाड़ा पंचायत के मिल्की के समीप आधी रात के बाद करीब तीन बजे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 17, 2019 2:39 AM

सिपौलिया में सजग ग्रामीणों ने दिखायी तत्परता, रात में बांध की मरम्मत कर बचा लिया पूरे गांव को

कमतौल : अधवारा समूह की खिरोई नदी का पश्चिमी तटबंध मस्सा पंचायत के सिपौलिया के समीप सोमवार की देर रात करीब 11 बजे और ढढ़िया-बेलबाड़ा पंचायत के मिल्की के समीप आधी रात के बाद करीब तीन बजे टूट गया. सिपौलिया में टूटे तटबंध को सजग ग्रामीणों ने देर रात में ही मिट्टी भरे बोरी से भर कर पानी के बहाव को रोक दिया. वहीं, मिल्की के टूटे तटबंध से पानी का बहाव जारी है. यहां रह-रह कर धंसना गिरने से कटान की चौड़ाई बढ़ती चली जा रही है.
मिल्की के समीप तटबंध टूटने से मंगलवार अहले सुबह मिल्की, बेलबाड़ा, मुरैठा, जहांगीर टोला आदि गांव के अधिकांश घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. सैंकड़ों एकड़ में लगी फसल बाढ़ के पानी में डूब गयी. मुरैठा स्टेशन से पूरब रेलवे गुमती पर पशुओं के साथ शरण लिए बिहारी मांझी ने बताया कि राति में सब ठीके रहई, भोरे उठली त घर के चारु बगल से पानी घेरने रहे. मवेशी के ल क गुमटी पर शरण लेने छी. अप्पन पेट त केनाहुतो भरिये जेतै, मवेशी के चिंता लागल अइ. रेलवे किनारे के घास आ बाढ़िक पानी पिया क मवेशी के पोसि रहल छी.
आधा दर्जन पंचायतों के लोग गांव में हुए कैद, प्रखंड व जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा : मधुबनी जिला में कई स्थानों पर तटबंध टूटने से जाले प्रखंड के आधा दर्जन से ज्यादा पंचायत बाढ़ की चपेट में हैं. करवा, करदहुली, मस्सा, मदिलमन, मिर्जापुर, तरियानी समेत कई गांवों में बाढ़ ने लोगों का बुरा हाल कर रखा है. इन गांवों का प्रखंड मुख्यालय सहित जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है. नाव के अभाव में इनलोगों का गांव से बाहर निकलना बंद हो गया है. ग्रामीण नाव के लिए जिला प्रशासन की ओर टकटकी लगाए हैं.
मस्सा के मुखिया पति सहबूब हुसैन, अरुण ठाकुर, संजय कुमार आदि ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में सबसे पहले बाढ़ इसी इलाके में आती है और भारी तबाही मचाती है. लोग ऊंचे स्थानों पर बने घरों एवं अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लेते हैं और वहीं कैद होकर रह जाते हैं. चारों ओर से आवागमन अवरुद्ध हो जाता है, फिर भी प्रखंड प्रशासन द्वारा एक नाव तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है. बाढ़ को लेकर सीओ से नाव उपलब्ध कराने को कहा गया. उन्होंने प्रखंड में नाव नहीं होने की बात कही. इस बावत सीओ से संपर्क नहीं हो सका.

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