आठ साल बाद जिंदा हो गया एमएल एकेडमी का कर्मी!

दरभंगा : एमएल एकेडमी लहेरियासराय का कर्मी विनोद राम आठ साल बाद जिंदा हो गया है! सदर थाना क्षेत्र के गांधी नगर कटरहिया निवासी स्व. हरिहर राम के पुत्र कथित विनोद राम ने न्यायालय में स्कूल के पूर्व व वर्तमान प्रधानाचार्य के विरुद्ध केस किया है. इसमें विनोद ने दावा किया है कि वह एमएल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 24, 2017 5:05 AM

दरभंगा : एमएल एकेडमी लहेरियासराय का कर्मी विनोद राम आठ साल बाद जिंदा हो गया है! सदर थाना क्षेत्र के गांधी नगर कटरहिया निवासी स्व. हरिहर राम के पुत्र कथित विनोद राम ने न्यायालय में स्कूल के पूर्व व वर्तमान प्रधानाचार्य के विरुद्ध केस किया है. इसमें विनोद ने दावा किया है कि वह एमएल एकेडमी में वर्ष 1983 से चपरासी के पद पर नौकरी करता आ रहा था. इस बीच उसके पिता स्व. हरिहर राम की मृत्यु हो गयी. पिता के मृत्यु के पश्चात सौतेली मां व सौतेले भाई ने साजिश के तहत प्रधानाचार्य से मिलकर उसे भी मृत घोषित कर दिया.

वहीं प्रधानाचार्य के मिली भगत से सौतेली मां सुमित्रा देवी को पारिवारिक लाभ व सौतेले भाई मंगल राम को अनुकंपा पर नौकरी दे दी गयी. जब वह स्कूल काम पर आया, तो उसे स्कूल से बाहर कर दिया गया. काफी दिनों तक दर-दर की ठोकरें खाने के बाद वह न्यायालय के शरण में गया. जहां से उसे न्याय मिलने की उम्मीद है. इधर, सुमित्रा देवी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि विनोद राम उसके पति थे. वे एमएल एकेडमी में चपरासी के पद पर कार्यरत थे.
उनकी मृत्यु वर्ष 2009 में सेवाकाल के दौरान ही हो गयी. सुमित्रा ने बताया कि विनोद राम से उसकी दूसरी शादी थी. पहली शादी से विनोद राम को एक लड़का और तीन लड़की थी. वहीं उसे भी एक लड़का और एक लड़की है. सुमित्रा ने बताया कि पति की मृत्यु के बाद प्रधानाचार्य हम सभी को बुलाये. वहां उनका सौतेला बेटा सुरेश राम भी आया. वहां सुरेश खुद को ही विनोद बताने लगा. काफी समझाने के बाद भी वह नहीं माना. इसके बाद नियम के तहत उसके बेटे मंगल राम को अनुकंपा पर नौकरी हो गयी और हमें अन्य लाभ मिला. इसके आठ साल बाद सुरेश न्यायालय में केस कर उनलोगों को परेशान कर रहा है.
मामले में पुलिस की पूछताछ के बाद आया नया मोड़
मृत पिता विनोद की जगह सुरेश खुद को बता रहा विनोद
पूरे साक्ष्य के साथ पहुंचा थाना
विनोद ने प्रस्तुत किये कई साक्ष्य: कथित विनोद ने पुलिस के समक्ष विनोद होने का कई साक्ष्य प्रस्तुत किया है. उसने फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया. हालांकि स्कूल में मृत चपरासी के पहचान पत्र में उसका जन्म 1958 था. जबकि कथित विनोद के पहचान पत्र में उसका जन्म 1970 अंकित है. स्कूल के रजिस्टर में चपरासी विनोद के हस्ताक्षर और विनोद का दावा करने वाले का हस्ताक्षर में कोई मेल नहीं है. बहरहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. लेकिन प्रथम दृष्टया अपने पिता की मौत के उसके पुत्र सुरेश अपने को विनोद होने का दावा करने का पूरा साक्ष्य इकट्ठा कर न्यायालय में केस किया है. यह केस पुलिस के लिए पेचीदा है. जांच के बाद सच्चाई पर से पर्दा उठ सकेगा.

Next Article

Exit mobile version