लॉकडाउन का डर! दूसरे राज्यों में रह रहे बिहारी श्रमिक ना लें टेंशन, हर परेशानी दूर करने के लिए नीतीश सरकार ने किया खास काम

Coronavirus Lockdown: देश के लगभग हर राज्य में कोरोना वायरस का फैलाव दोबारा होते ही प्रवासी बिहारी श्रमिकों की परेशानी दोबारा से बढ़ गयी है. मुख्यमंत्री की अपील के बाद विभिन्न राज्यों से श्रमिक घर लौट रहे हैं, लेकिन अब भी लाखों श्रमिक दूसरे राज्यों में हैं.

By Prabhat Khabar | April 25, 2021 2:49 PM

देश के लगभग हर राज्य में कोरोना वायरस का फैलाव दोबारा होते ही प्रवासी बिहारी श्रमिकों की परेशानी दोबारा से बढ़ गयी है. मुख्यमंत्री की अपील के बाद विभिन्न राज्यों से श्रमिक घर लौट रहे हैं, लेकिन अब भी लाखों श्रमिक दूसरे राज्यों में हैं. ऐसे श्रमिकों की परेशानियों को जानने और उसे दूर करने के लिए श्रम विभाग के अधिकारी सभी निबंधित श्रमिकों को फोन करेंगे, ताकि जो घर लौट आये हैं उन्हें हर संभव सहायता करते हुए रोजगार से जोड़ा जा सके या जो बाहर अब भी हैं उनकी परेशानियों को दूर किया जा सके.

दिल्ली में स्थानिक आयुक्त संबंधित मोहल्ला में छानबीन कर रहें हैं कुछ लोगों के दिल्ली में होने की जानकारी मिलने पर बिहार सरकार उन लोगों के खान-पान की व्यवस्था कर रही है, जो अपने घरों वापस लौटना चाहते हैं अधिकारी उनकी मदद कर रहें हैं.

दिल्ली एवं दूसरे राज्यों में रहने वाले अधिकतर श्रमिकों को दोबारा लॉकडाउन का भी खतरा सता रहा है. इस कारण से भी वह परेशान हैं. बिहार सरकार ने स्पष्ट आदेश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में प्रवासी बिहारी को कोई परेशानी ना हो.

टॉल फ्री नंबर जारी

श्रम संसाधन विभाग ने पहले ही एक टॉल फ्री नंबर 18003456138 जारी किया है. इस नंबर पर एक दिन में दर्जनों फोन आते हैं. सूचना के बाद अधिकारियों ने उस पर फौरी कार्रवाई भी की. विभाग के पास अन्य माध्यमों से सूचना मिली कि दिल्ली सहित दूसरे राज्यों में प्रवासी बिहारी फंसे हुए हैं.अधिकारियों ने उन संबंधित राज्यों के स्थानीय अधिकारियों से इस बाबत जानकारी मांगी.

इन राज्यों में हैं श्रमिक

विभाग दिल्ली, पंजाब, राजस्थान व गुजरात सहित अन्य राज्यों में प्रवासी बिहारी किन हालात में हैं और उनकी संख्या कितनी है, स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर उसकी जानकारी हासिल करेंगे. संकट में फंसे प्रवासी बिहारियों की जानकारी के बाद उनके खान-पान की भी व्यवस्था करेंगे.

Posted By: Utpal Kant

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