VIDEO : चंपारण शताब्दी वर्ष : CM नीतीश ने गांधी की दूसरी पाठशाला के भवन का किया शिलान्यास, कहा- गांधी सर्किट से जुड़ेगा भितिहरवा

पटना : महात्मा गांधी के पश्चिमी चंपारण की धरती पर कदम रखने के सौ साल बाद चंपारण शताब्दी वर्ष बिहार सरकार मना रही है. बिहार सरकार गांधी के सपनों को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को भितिहरवा पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले बुनियादी विद्यालय भवन जीर्णोद्धार किया. इसके बाद भितिहरवा आश्रम में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 20, 2017 8:07 AM

पटना : महात्मा गांधी के पश्चिमी चंपारण की धरती पर कदम रखने के सौ साल बाद चंपारण शताब्दी वर्ष बिहार सरकार मना रही है. बिहार सरकार गांधी के सपनों को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को भितिहरवा पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले बुनियादी विद्यालय भवन जीर्णोद्धार किया. इसके बाद भितिहरवा आश्रम में 4:30 करोड़ से बनने वाले भवन का शिलान्यास किया. मुख्यमंत्री ने यहां महात्मा गांधी के प्रिय भजन को भी सुना. इस मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्र नीतीश कुमार ने कहा कि सौ साल पहले महात्मा गांधी ने यहां विद्यालय को स्थापित किया था, आज सौ साल बाद हम इसे आगे बढ़ाने आये हैं. उन्होंने कहा कि गांधी ने चंपारण में किसानों पर हो रहे जुल्म को समझा था. इसका असर हुए कि उन्हें सफलता मिली. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने भितिहरवा को गांधी सर्किट से जोड़ने की घोषणा भी की.

मुख्यमंत्री ने लोगों से 21 जनवरी को बननेवाले मानव शृंखला से जुड़ने का आह्वान किया. साथ ही कहा कि शराबबंदी पर सिर्फ कानून लागू करने से नहीं होगा. इसकी सफलता के लिए महिलाओं को गोलबंद होना होगा. गांव-गांव में शराब पीने और बेचनेवालों पर नजर रखनी होगी. उन्होंने लोगों को सात निश्चय योजनाओं की जानकारी भी दी.

मालूम हो कि पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम में महात्मा गांधी द्वारा स्थापित दूसरी पाठशाला (बुनियादी विद्यालय) का कायाकल्प किया गया है. साथ ही बड़हरवा लखनसेन गांव की पहली पाठशाला, वृंदावन, मधुवन, शेखधुरवा और रानीपुर की पाठशाला का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है.

1917 के चंपारण सत्याग्रह में गांधी का साथ देनेवाले और गवाही देनेवालों की कहानियों को शिक्षा विभाग ने एक किताब का रूप दिया है. ‘भितिहरवा आश्रम एवं चंपारण आंदोलन में स्त्री-स्वर’ नामक किताब में उन 19 महिलाओं की गवाही को रखा गया है, जिन्होंने चंपारण आंदोलन में महात्मा गांधी का साथ दिया था और अपनी शिकायत दर्ज करायी थी. समारोह में कला संस्कृति विभाग की ओर से प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी, जिसका निरीक्षण मुख्यमंत्री करेंगे. इसके बाद वह एक सभा को भी संबोधित करेंगे. समारोह में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, कला व संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे.

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महात्मा गांधी 1917 में जब चंपारण आये थे तो 14 नवंबर को बड़हरवा लखनसेन गांव में पहली पाठशाला खोली थी. इसी तरह भितिहरवा आश्रम में 20 नवंबर को दूसरी और उसके बाद वृंदावन, मधुवन, शेखधुरवा और रानीपुर में भी एक-एक पठाशाला स्थापित की थी. इन स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य, सफाई व स्वावलंबन की भी जानकारी दी जाती थी.

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